सरायकेला: भगवान बिरसा मुंडा मैदान में विभागीय अभियंताओं एवं संवेदक के मिलीभगत से सरकारी राशि गबन का आरोप लगाते हुए सरायकेला नगर पंचायत के उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त से उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच करने की मांग की है. उपायुक्त ने मामले की जांच का जिम्मा एसडीओ को दिया है.
श्री चौधरी ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा मैदान सरायकेला जिले का एकमात्र बड़ा मैदान है. लंबे अरसे बाद मैदान को व्यवस्थित करने का सपना साकार होता दिख रहा था लेकिन विभागीय अभियंता एवं संवेदक के मिली भगत से सरकारी राशि गबन करने के उद्देश्य से काफी घटिया काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विगत 7 जून 2024 एवं 21 जून 2024 को उपायुक्त को पत्र द्वारा पूरे मामले से अवगत कराया गया था. अब एसडीओ को जांच की जवाबदेही दी गई है उम्मीद है कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच होगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
इन बिंदुओं पर उठाई जांच की मांग
1- मैदान का प्रवेश द्वार काव- कैचर रोड से 1 फीट नीचे है जिसे आवागमन की सुविधा एवं मानको के अनुसार समतल होना चाहिए था तथा मुख्य द्वार पर वाहनों के आवागमन की सुविधा हेतु मानको के अनुसार स्लाइडिंग गेट लगाना चाहिए था.
2- गेलैरी की पीछे पीसीसी घटिया पत्थरों से बनाया गया रोड अभी से टूटने लगा है, जो जांच का विषय है.
3- प्राक्कलन के अनुसार मैदान की मिट्टी 2 फीट खोदना था परन्तु 10 इंच खोदकर पुनः उसी कंकड़ युक्त मिट्टी को भर दिया गया है जो जांच का विषय है.
4- मैदान में प्राक्कलन के अनुसार 1 फीट बालू डालना था परन्तु 2 इंच बालू डाला गया जो जांच का विषय है.
5- मैदान के किनारे काफी घटिया जाली लगायी गयी है एवं जाली लगाने में भी गैलरी और मैदान की दूरी केवल 3 फीट में लगाया गया है जिससे भगदड़ की स्थिति में हजारों लोगों के जान जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है. जनहित में आपदा प्रबंधन विभाग की नियमावली के अनुसार प्रवेश निकासी का अनुकरण करवाया जाए.
6- 4.5 करोड के भारी भरकम बजट के बाबजूद मैदान के दर्शक दीर्घा में
पवेलियन का निमार्ण नहीं समझ से परे हैं.
6- प्राक्कलन के अनुसार गैलरी और दीवारों में वेदर कोट कलर से रंग- रोगन करना था. वर्तमान में घटिया सनोसम कलर से करना जांच का विषय है.
7- मैदान में पूरा प्लास्टर बदलना था लेकिन लीपा- पोती करते हुए कहीं- कहीं पर आंशिक प्लास्टर किया गया है जो जांच का विषय है.
8- मैदान के फ्लोर में पुराना कोटा स्टोन प्रयोग करना जांच का विषय है.
9- मैदान के चारो तरफ नई नाली स्लैब के साथ निर्माण करना था, लेकिन पुरानी नाली के ऊपर 2 रद्दा ईटा जोड़कर पुराना स्लैब लगाना जांच का विषय है.
10- आमसभा में इस बात पर भी शंका की गई कि मैदान में लगाई गई पॉल लाइट एवं हाई मास्ट लाइट मानकों के अनुरूप नहीं है. साथ ही जो जनरेटर लगाया गया है वह भी कम पावर का है, जो जांच का विषय है.
उन्होंने जांच प्रभावित न हो इसलिए संवेदक को निर्देश देने की मांग की है कि जांच पूरी होने तक मैदान में किसी प्रकार का भी कार्य या छेड़छाड़ ना किया जाए. इसकी प्रतिलिपि उन्होंने राज्यपाल, प्रवर्तन निदेशालय रांची झारखंड, एसीबी रांची झारखंड, सचिव भवन निर्माण विभाग रांची झारखंड, आयुक्त कोल्हान प्रमंडल सिंहभूम चाईबासा को भी भेजा है.