सरायकेला (प्रमोद सिंह) बीते दो नवंबर को सरायकेला बालमित्र थाना कक्ष में हुए नाबालिग मोहन मुर्मू हत्याकांड के आरोपी निलंबित थानेदार मनोहर कुमार 20 दिन बाद भी फरार हैं. जिससे मृतक के परिजनों को इंसाफ मिलने की उम्मीदें क्षीण होने लगी है. आखिर कहां है हत्यारोपी थानेदार ! क्या उन्हें जमीन निकल गया या आसमान खा गया ! जानने को जनता बेचैन है.
घटना के बाद एसपी ने दावा किया था कि थानेदार को गिरफ्तार किया जाएगा और नाबालिग को इंसाफ दिलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इसी शर्त पर परिजनों ने शव का सातवें दिन अंतिम संस्कार किया था. मगर घटना के बीस दिन बाद भी हत्यारोपी थानेदार फरार है जिससे लोगों को यह शंका घर करने लगी है कि थानेदार को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अबतक मामले का सुपरविजन भी शुरू नहीं हुआ है. सूत्र यह भी बताते हैं कि हत्यारोपी थानेदार जमानत याचिका दाखिल करने की फिराक में है. इसकी भी जानकारी मिल रही है कि थानेदार मृतक के परिजनों को मैनेज करने में जुटा है. इसको लेकर कई स्थानीय नेताओं से संपर्क में है. यह भी जानकारी मिल रही है कि आरोपी थानेदार सीधे रांची के अधिकारियों की दरबारी में जुटा है, मगर एसपी आनंद प्रकाश हर हाल में मनोहर कुमार को गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं. अब सच क्या है ये तो विभाग ही जाने, मगर इतना तय है कि यदि हत्यारोपी थानेदार की गिरफ्तारी नहीं हुई तो इंसाफ का खून होगा. क्योंकि जिस बेरहमी से चंद रुपयों के लिए एक आदिवासी नाबालिग को तड़पा- तड़पाकर थाना हाजत में मौत के घाट उतारा गया उसके बाद उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया वह अपराध क्षमा योग्य नहीं हो सकता. खासकर ऐसे मासूम की हत्या थाने में हुई जो अपने बूढ़े मां- बाप का इकलौता वारिस था.
जाने क्या है मामला
बीते 3 नवंबर को सरायकेला थाना परिसर स्थित बालमित्र कक्ष में दिन के करीब 11 बजे जमशेदपुर के घाटशिला प्रखंड के मुड़ाकाटी गांव का रहनेवाला नाबालिग मृत पाया गया था. दावा किया गया कि युवक ने बेल्ट के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. दिनभर थाना प्रभारी ने किसी भी वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी. देर रात एसपी को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद एसडीपीओ हरविंदर सिंह, एसपी आनंद प्रकाश और गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार सरायकेला थाना पहुंचे. जहां युवक का शव जमीन पर पड़ा था. उसके ऊपर एक कंबल लिपटा हुआ था. सरायकेला अंचलाधिकारी की मौजूदगी में शव का पंचनामा हुआ. उसके बाद मृतक के शव को सदर अस्पताल के शीतगृह में ले जाया गया. जहां से अगले दिन जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल बोर्ड की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया. परिजनों ने मुआवजा और नौकरी की मांग करते हुए तब तक शव लेने से इनकार कर दिया जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती. उधर मृतक के पिता दुबई मार्डी ने धारा 342/ 302/ 201/ 385/ 389/ 109/ 119/ 341 पीसी के तहत थाना प्रभारी मनोहर कुमार व अन्य के खिलाफ सरायकेला थाने में मामला दर्ज कराया. वहीं गिरफ्तारी की तलवार लटकते ही थाना प्रभारी फरार हो गए जो अब तक फरार चल रहे है. इस मामले में परिजनों को मनाने में जिला प्रशासन एवं पुलिस के आलाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. कई दौर की वार्ता के बाद छठे दिन नाबालिग के शव का दाह- संस्कार हो सका था.