सरायकेला Pramod Singh प्राकृतिक आपदा व्रजपात से बचाव को लेकर सरायकेला जिला समाहरणालय परिसर से मंगलवार को डीसी अरवा राजकमल एवं एडीसी सुबोध कुमार ने संयुक्त रूप से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
वज्रपात सुरक्षित भारत अभियान के तहत रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित यह जागरूकता वाहन जिले के प्रत्येक प्रखंड में चिह्नित वज्रपात जोन में लोगों को जागरूक करेगी. डीसी अरवा राजकमल ने कहा कि वज्रपात जैसे आपदा से बचाव को लेकर इसके बारे में सभी लोगों को जागरूक करना सरकार एवं जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि वज्रपात जैसे आपदा की स्थिति में लोगों को सुरक्षित रहने के लिए किन- किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. वैसी स्थिति में क्या-क्या करना चाहिए. इसके संबंध में जागरुकता रथ लोगो को जागरुक करेगी. मौके पर एडीसी सुबोध कुमार व रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव डॉ डीडी चटर्जी समेत अन्य उपस्थित थे.
वज्रपात से बचने हेतु कुछ सरल सुरक्षा उपाय निम्न हैं.
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जब आप घर के बाहर हों:-
बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का उपयोग ना करें.
ऐसी वस्तुए है जो बिजली की सुचालक है उनसे दूर रहे, धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहें.
कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न कर जूट या सूत की रस्सी का प्रयोग करें.
खिड़किया, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
जब आप घर के भीतर हों:
ऊंचे वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं, कृपया उनके नीचे न खड़े रहें. ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय न लें. समूह में न खड़े रहें, बल्कि अलग- अलग हो जाएं.
किसी पक्के मकान में आश्रय लेना बेहतर है. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें. मजबूत छत वाले वाहन में रहें, खुली छत वाले वाहन की सवारी ना करें.
बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें. बाइक, बिजली या टेलीफोन का खम्भा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें.
तालाब और जलाशयों से दूर रहें, यदि आप पानी के भीतर है अथवा किसी नाव में है तो तुरंत बाहर आ जाएं.
बारिश के समय धातु के डंडे वाले छाते का उपयोग ना करें.
जब आप खेत खलिहान में काम कर रहे हैं
गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसान तथा मजदूर या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर जाएं.
धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें.
किसी सुरक्षित स्थान में शरण ले पाने में असमर्थ हों, तो
जहां हैं वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे- लकड़ी, प्लास्टिक,बोरा या सूखे पत्ते रख लें.
जमीन पर कदापि न लेटें.
दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआयें.
जब आप जंगल में हो
बौने एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाएं.
जागरूकता रथ
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