सरायकेला: आनन्द मार्ग प्रचारक संघ सरायकेला- खरसवां की ओर से जिले के सरायकेला, गम्हरिया, कांड्रा, सीनी खरसवां, नीमडीह, चाण्डिल आदित्यपुर, राजनगर में दधीचि दिवस मनाया गया. इस अवसर पर उन पांच दधीचियो को श्रद्धांजलि दी गयी एवम् बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन के साथ ईश्वर प्रणिधान किया गया एवं 12 घंटे का उपवास रखा गया. आज के दिन सम्पूर्ण विश्व में आनंदमार्गी दिन भर उपवास रखकर शाम को अपना उपवास तोड़ते हैं. आज ही के दिन 5 मार्च 1967 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के आनंद नगर में आचार्य सच्चिदानन्द अवधुत, आचार्य अभेदानन्द अवधुत, प्रभास कुमार, भरत कुमार, अवध कुमार पांच निहत्थे आनंदमार्गियों की नृशंस हत्या पश्चिम बंगाल के कम्युनिस्ट के गुंडों एवं सरकारी अधिकारियों के सहयोग से की गई थी. जिसका मुकदमा चला एवम् तत्कालिन बीडीओ अशोक चक्रवर्ती सहित आठ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. बताया गया कि इन पांच दधीचियो का बलिदान समाज के लिए स्मरणीय रहेगा. अंधकार जितना ही गहरा क्यों न हो तत्पश्चात प्रभात आएगा ही. अंधकार का पिचास जितना ही अट्टाहास क्यों ना करें सूर्योदय के साथ-साथ उसका सब कुछ शून्य में विलीन हो ही जाएगा. इस प्रकार मनुष्य जाति के दु:ख की अंधकार रात्रि जिस तरह की क्यों ना हो, तपस्या का सूर्य रुपी आलोक उसका समस्त अंधकार दूर कर ही देगा. मनुष्य के जीवन में अरुणोदय होगा ही. ईसाइयत के लिए मरने वाले को मरटिरस, इस्लाम के लिए मरने वाले को शहीद, एवम् भागवत धर्म के लिए मर मिटनेवाले को दधीचि कहते है.
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