सरायकेला: आनंद मार्ग द्वारा रांची में कोविड गाइडलाइन के बीच वेबीनार के माध्यम से तीन दिवसीय प्रथम संभागीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. सेमिनार के दूसरे दिन सरायकेला जिले के गम्हरिया, आदित्यपुर, सीनी, सरायकेला, खरसावां, चांडिल, नीमडीह, राजनगर व आसपास के आनंद मार्गी आनलाइन जुड़े. सेमिनार को संबोधित करते हुए आनंद मार्ग के वरिष्ठ आचार्य संपूर्णानंद अवधूत ने कहा, कि मानवतावाद के नूतन व्याख्या की जरूरत है और वह नए सिरे से व्याख्यायित मानवतावाद ही नव्य मानवतावाद है. नव्यमानवतावाद कहता है कि हर एक जीव को इस अस्तित्व- प्रियता को यथायोग्य मूल्य न देने पर सामग्रिक रूप से मानविकता का विकास असम्भव हो जायगा. अतः मनुष्य को केवल अपने परिवार, जाति या गोष्ठी की बात न सोचकर सामग्रिक रूप से मनुष्य के बारे में सोचना होगा. नव्य मानवतावाद कहता है कि पूरे सृष्टि के सृष्ट जीवों की सुरक्षा, वायु एवं जल तथा पर्यावरण के संतुलन की सुरक्षा करनी होगी, क्योंकि सबको समान अस्तित्विक अधिकार प्राप्त है. आज का युग नव्य मानवतावाद का युग है.
मानवता एक नए युग के कगार पर खड़ा है. मानवता एक एवं अविभाज्य है. परम सत्ता को प्रेम करने का मतलब है सबको प्रेम करना क्योंकि सभी उसी एक परम सत्ता की अभिव्यक्ति है.
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