सरायकेला: आजसू प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर मंगलवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर सामाजिक न्याय सभा सह उपवास कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य पिछड़ा आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए 27 फीसदी आरक्षण देने एवं अनुसूचित जिलों में रोस्टर के हिसाब से आरक्षण देने की मांग की है. विदित रहे, कि राज्य पिछड़ा आयोग ने राज्य में ओबीसी की जनसंख्या 52 फ़ीसदी बताते हुए पिछड़ों को राज्य में आरक्षण का लाभ देने की अनुशंसा की है. आपको बता दें कि प्रदेश आजसू के निर्देश पर राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों में इससे पूर्व धरना- प्रदर्शन के माध्यम से राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा जा चुका है. मंगलवार को जिला मुख्यालयों में इस धरना- प्रदर्शन के माध्यम से जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा गया है. इसके माध्यम से उन्होंने राज्य में ओबीसी को 27 फ़ीसदी आरक्षण, राज्य में जातीय जनगणना और मनरेगा के माध्यम से ओबीसी को भी रोजगार मुहैया कराए जाने की मांग की है. इन्होंने मनरेगा में किसी खास समुदाय के लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. आजसू नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री के चुनाव पूर्व किए गए वायदों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, कि चुनावी घोषणाओं में मुख्यमंत्री ने पहली विधानसभा बैठक में ही राज्य के ओबीसी को 27 फ़ीसदी आरक्षण दिए जाने की घोषणा की थी, मगर सरकार गठन के 2 साल बाद भी इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से किसी तरह का निर्णय नहीं लेने से राज्य भर के ओबीसी वर्ग के लोगों में नाराजगी है. आजसू इन्हीं मांगों को लेकर सरकार को घेरने में जुटा है. इधर मंगलवार को सरायकेला जिला मुख्यालय पर भी जिला आजसू की ओर से धरना- प्रदर्शन के माध्यम से जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा गया. इस दौरान केंद्रीय सदस्य हरेलाल महतो, रवि शंकर मौर्य सहित दर्जनों आजसू नेता मौजूद रहे.
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