आदित्यपुर: पुलिस की तत्परता से एक व्यवसायी न केवल लुटने से बच गए बल्कि तीन अपराधी भी हथियार के साथ बिहार पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. पुलिस ने पूरे फिल्मी अंदाज में अपहरण और साईबर ठगी गिरोह के साजिश को नाकाम कर दिया है.

जानें क्या है मामला
दरअसल दो दिन पूर्व आदित्यपुर सिटी पैलेस निवासी कारोबारी नितिश कनोजिया के फोन पर उनके भाई के अपहरण और उसके एवज में फिरौती के रूप में 30 लाख रुपए की मांग की गई. नीतीश ने रोते हुए इसकी जानकारी एसपी मुकेश कुमार लुणायत को दी. एसपी ने तत्काल थाना पहुंचने और मामले की जानकारी थानेदार को देने की बात कही. उसके बाद नीतीश अपने भाई की पत्नी के साथ थाना पहुंचे. थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एसआई विपुल ओझा और रविकांत पराशर को पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा. पूछताछ के क्रम में नीतीश कनोजिया ने बताया कि उनका केमिकल का फैक्ट्री है. दीपक कुमार कनोजिया उनके भाई हैं. इंडिया मार्ट से ऑनलाइन ट्रेडिंग का डील हुआ था. इसी सिलसिले में उन्हें पटना बुलाया गया था. वे 27 मार्च को गीता रथ बस से पटना के लिए निकले. उन्हें बिहार शरीफ में ही उतार लिया गया. वहां से उन्हें दूसरी गाड़ी में बिठाकर नालंदा ले जाया गया. वहां से उनकी पत्नी से फिरौती का रकम बैंक अकाउंट में जमा करने को कहा गया. पत्नी बैंक में पैसा जमा कराने जा रही थी तभी नीतीश कनोजिया ने इसकी जानकारी एसपी को फोन पर दी.
फिर क्या हुआ
मामला दर्ज कर जांच अधिकारी विपुल ओझा और रविकांत पाराशर ने मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रैप करना शुरू किया. पता चला कि उक्त नंबर बिहार के नालंदा जिले के बिंद थाना क्षेत्र में सक्रिय है. वहीं बैंक अकाउंट उड़ीसा और मुंबई का निकला. दोनों अधिकारियों ने तत्काल बिंद थाना प्रभारी से संपर्क साधा और मोबाइल लोकेशन के आधार पर वहां छापेमारी करने का अनुरोध किया. जहां बिंद थाना प्रभारी खुद छापेमारी करने निकले. इसी क्रम में तीन युवक पुलिस को देखकर भागने लगे. तीनों को बिंद थाने की पुलिस ने तीन पिस्टल और पांच कारतूस के साथ धर दबोचा. साथ ही अपहृत कारोबारी दीपक कुमार कनोजिया को बरामद कर लिया. उसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली. इधर आदित्यपुर से परिजन नालंदा पहुंच चुके हैं. शनिवार को नालंदा पुलिस ने तीनों अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
