आदित्यपुर: नर्क में तब्दील आदित्यपुर नगर निगम के कई कारनामे आए दिन उजागर होते रहते हैं. सरकार के नुमाइंदे रटा- रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ लेते हैं. नतीजा अंततः जनता को ही भुगतना पड़ रहा है. लगभग सभी वार्डों की जनता त्राहिमाम कर रही है.
मेयर, डिप्टी मेयर और पार्षद अगले चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं. जनता की समस्याओं पर किसी के पास कोई जवाब नहीं है सीवरेज- ड्रेनेज, अंडर ग्राउंड केबलिंग की समस्या दो- चार करती निगम की जनता दिनभर जहां बारिश के मौसम में कीचड़ और जलजमाव का दर्द झेल चुकी वहीं मौसम साफ होते ही अब धूल फांक रही है. मगर वार्ड 30 और 31 की जनता का दर्द जुदा है. पहले आप इस video को देखिए.
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वीडियो देखकर आपको सामान्य आग का गोला दिखेगा मगर ऐसा नहीं है. दरअसल ये सामान्य सा दिखने वाला आग का गोला नहीं, बल्कि मौत का गुबार है जो हर दिन सांस के माध्यम से बड़ी आबादी के शरीर में प्रवेश कर रहा है. जी हां यह प्रदूषण युक्त आग है. जिसके धुएं से दुर्गंध और बदबू के साथ न जाने कितने हानिकारक विषाणु लोगों के शरीर के भीतर प्रवेश कर रहा है. जिस जगह पर यह आग का गुबार उठ रहा है, वह हाउसिंग बोर्ड द्वारा अधिग्रहित जमीन है. जहां दिनभर नगर निगम द्वारा संग्रह किए गए कचरो का डंपिंग चोरी छुपे कराया जाता है और शाम को यहां आग लगा दी जाती है. आप समझ सकते हैं, कि इस प्रदूषण युक्त आग से क्षेत्र के लोगों का क्या हाल हो रहा होगा. इस स्थल के इर्दगिर्द रिहायशी कॉलोनी के अलावे आदिवासियों की बड़ी आबादी निवास करती है. ऐसी बात नहीं है कि लोग विरोध नहीं करते, कई बार यहां के लोग आक्रोशित भी हुए मगर नतीजा ढाक के तीन पात ही साबित हुआ सुध लेने वाला कोई नहीं. न नगर निगम के पदाधिकारी, ना स्थानीय पार्षद ना ही प्रदूषण विभाग.
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