राजनगर: राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय जमशेदपुर की ओर से राजनगर प्रखंड के अन्तगर्त ग्राम गुढ़ा में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में द्विदिवसीय अनुसूचित जनजातीय श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन शुक्रवार को हुआ. समापन समारोह में झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री तथा भाजपा नेता बड़कुंवर गागराई मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए थे. अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर चर्चा करते हुए इसका लाभ उठाने के लिए जागरूक होकर आगे आने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया. आगे उन्होंने अनुसूचित जनजाति श्रमिकों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस समुदाय में शिक्षा की कमी के कारण इनका वृहत पैमाने पर वर्षों से शोषण किया जा रहा है. तथा इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ से वंचित किया जा रहा है. ये लोग गरीबी, अशिक्षा तथा नशाखोरी जैसी प्रमुख सामाजिक बुराईयों से ग्रसित हैं, जो इनके विकास में बाधा उत्पन्न कर रही है. आगे श्री गागराई ने शिक्षित युवकों को प्रशिक्षण के माध्यम कौशल विकास कर प्रधानमंत्री जी का महत्वाकांक्षी योजना आत्म निर्भर भारत से जुड़कर देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भागीदार बनने का आह्वान किया. उन्होंने बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रमो को श्रमिकों के प्रगति के लिए नितांत जरूरी बताया.
इस अवसर पर बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने बोर्ड द्वारा देश के श्रम जगत का कल्याण हेतु किए जा कार्यक्रमों तथा बहुआयामी प्रयास की जानकारी दिया. उन्होंने झारखंड सरकार के श्रम विभाग द्वारा संचालित बीओसी के तहत निबन्धन कराकर 27 प्रकार के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने को कहा. कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक हेमसागर प्रधान ने किया. उन्होंने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत योजना, बीओसी लेबर कार्ड एवं ई-श्रम कार्ड का निबन्धन प्रक्रिया तथा इसके लाभ के बारे में जानकारी दिया. इस कार्यक्रम में अनुसूचित जनजाति के 80 महिला एवं पुरूष श्रमिकों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह सोरेन, विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्मेन्द्र नाथ मंडल नकुल महतो, दिनेश प्रधान, पानो मुर्मू, सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कुमार मुर्मू, जगदीश नायक, पीताम्बर राउत, संतोष कुमार महतो, शिबू सोरेन आदि का सराहनीय योगदान रहा.