सरकारी शिक्षकों द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मुहिम का झारखण्ड प्रदेश टेट पास पारा शिक्षक संघ ने समर्थन किया है. गुरुवार को संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुणाल दास ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कि एक ओर जहां सांसद- विधायक एवं मंत्री महज चंद सालों की सेवा के आधार पर पेंशन का लाभ लेते हैं, वहीं दूसरी ओर उम्र के अंतिम पड़ाव तक सरकार को अपनी सेवा समर्पित करने वाले सरकारी कर्मियों को पेंशन की सुविधा से वंचित रखा गया है. निश्चित तौर पर यह अन्यायपूर्ण व्यवस्था है और इसका प्रतिकार होना ही चाहिए. पुरानी पेंशन योजना सभी सरकारी कर्मियों का कर्मसिद्ध अधिकार है और झारखण्ड प्रदेश टेट पास पारा शिक्षक संघ इस लड़ाई में सरकारी कर्मियों के समर्थन में खड़ा है. उन्होंने झारखण्ड सरकार द्वारा प्रस्तावित पारा शिक्षक सेवा शर्त नियमावली पर भी कहा कि तात्कालिक परिस्थितियों के लिहाज़ से नियमावली का स्वागत किया जाता है. लेकिन हमारी लड़ाई यहीं रुकी नहीं है. पूर्ण सरकारी शिक्षक बनना टेट पास पारा शिक्षकों का हक है और वे इसे हासिल करके रहेंगे. नये वर्ष में नये सिरे से इसके लिए आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. श्री दास ने यह भी कहा कि नयी शिक्षक नियमावली में भी 9300- 34500 वेतनमान में बदलाव किया गया तो संघ इसका कड़ा प्रतिरोध करेगा.

