सरायकेला खरसावां जिला के गम्हरिया प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कानन पात्र पर एक और रिटायर्ड शिक्षक चैंद्र मोहन चौधरी ने अपने आदेशपाल गणेश गोप के माध्यम से 50 हजार रुपए घूस मांगे जाने का आरोप लगाया है.
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इस संबंध में उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति से पहले 10 सितंबर 2020 को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के कार्यालय गए थे. जहां उनके आदेशपाल गणेश गोप द्वारा आवास भत्ता के मद में 4 लाख 82 हजार 832 की अवैध निकासी का आरोप लगाते हुए उसे मैनेज करने के एवज में 50 हजार घूस की मांग की गई थी.
नहीं देने पर जिले के सभी विभागीय पदाधिकारियों द्वारा उन पर अनुशासनहीनता का आरोप साबित करते हुए सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले सारे लाभांश से उन्हें वंचित कर दिया गया है.
चंद्र मोहन चौधरी रिटायर्ड शिक्षक
इसको लेकर उन्होंने कई जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध कराए हैं. जिसमें उनके बेकसूर होने का पूरा प्रमाण मौजूद है, बावजूद इसके जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी पर अड़े हुए हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत स्थित रायजमा उत्क्रमित मध्य विद्यालय की शिक्षिका राधी पूर्ति ने भी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं उनके सहयोगी गणेश गोप पर द्वितीय सेवा पुस्तिका बनाए जाने के एवज में 12 हजार रुपए घूस मांगे जाने एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाते हुए आदित्यपुर थाने में एससी/ एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था.
राधी पूर्ति शिक्षिका
उधर श्रीमती पूर्ति ने आदेशपाल गणेश गोप की एक ऑडियो भी जिले के एसपी को सौंपी थी. जो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. ऑडियो में आदेशपाल द्वारा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक के नाम पर यह रकम उगाही किए जाने का प्रमाण साफ मिल रहा है.
उधर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मामले पर संज्ञान लेते हुए बीते सोमवार को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं उनके सहयोगी को रोककर करते हुए 3 दिनों के भीतर जवाब तलब किया है. कुल मिलाकर गम्हरिया प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद भी अब तक उन पर कोई कार्यवाई नहीं किया गया है, जो जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
कानन पात्र (प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी- गम्हरिया)
वैसे प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए इसे एक साजिश करार दिया है. उन्होंने बताया कि शिक्षिका द्वारा लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं. उन्होंने शिक्षिका के कार्यों की सराहना भी की है.
जबकि राधी पूर्ति ने मुखर होकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं उनके आदेशपाल पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने एवं द्वितीय सर्विस पुस्तिका बनाए जाने के एवज में घूस मांगे जाने का आरोप लगाया है. बहरहाल जिले के शिक्षा विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, ऐसा कहना सही नहीं होगा. इसकी सख्ती से जांच कराए जाने की जरूरत है.
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