रांची: सरायकेला एवं चाईबासा के 8 हार्डकोर नक्सलियों ने झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर रांची में पुलिस एवं सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है.


आत्मसमर्पण करने वालों में जयराम बोदरा, सरिता सरदार, मातरो मगेरिया, कुमीर पूर्ति, पातर कोड़ा, कार्तिक सिरका, रोशनी पूर्ति व एक अन्य नक्सली शामिल हैं. ये सभी चाईबासा और सरायकेला के रहनेवाले बताए जा रहे हैं. इनमें से कार्तिक और रोशनी पूर्ति माओवादियों के मारक दस्ते का सदस्य बताए जा रहे हैं. आत्मसमर्पण के बाद राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ इन्हें दिया जाएगा.
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इसकी जानकारी डीआईजी अभियान अमोल वेणु होमकर ने दी. उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को समाज के मुख्यधारा में लौटने की शुभकामनाएं दी. उन्होंने बताया कि लगातार पुलिस एवं सीआरपीएफ के बढ़ते प्रभाव और नक्सली संगठनों के गलत नीतियों के कारण त्रस्त होकर इन्होंने दस्ते से भागकर आत्मसमर्पण किया है. इनके खिलाफ हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट जैसे दर्जन मामले दर्ज है. ये सभी 10 साल से माओवादी दस्ते में सक्रिय थे और अनमोल दस्ते के लिए काम कर रहे थे.
बाईट
अमोल वेणु होमकर (डीआईजी अभियान)
