जमशेदपुर: वैश्विक आपदा की इस घड़ी में एक और जहां बड़े-बड़े सुरमा सड़े हुए सिस्टम के आगे धराशाई हो चुके हैं. हर दिन मीडिया में सुर्खियां बटोरनेवाले राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की फौज घरों में दुबक चुके हैं.
वहीं इन सबके बीच कोल्हान के यूथ ब्रिगेड आपदा प्रबंधन का जबरदस्त नमूना पेश कर रहे हैं. कुछ दिनों पूर्व जिस सोशल मीडिया को बैंक करने की आवाज उठ रही थी आज इन युवा तुर्क ब्रिगेड के जाम बाजो ने उसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोल्हान के तीनों जिलों जमशेदपुर सरायकेला और चाईबासा के दर्जनों जरूरतमंदों को हर दिन मदद पहुंचा रहे हैं.
बजावते इस काम में इनकी पूरी टीम लगी हुई है. ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाजमा, अस्पताल में बेड की उपलब्धता से लेकर अन्य इमरजेंसी की सूचना मिलने मात्र से इनकी पूरी टीम सक्रिय हो उठती है और जरूरतमंद को उनके हिसाब से सहयोग उपलब्ध कराकर ही दम लेती है. इसमें सबसे आगे चल रहे हैं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी एंड कंपनी. कुणाल के साथ यूथ आर्मी के रूप में उन्ही की पार्टी के अंकित आनंद, टीम अनन्या, अनुराग जायसवाल जबरदस्त सेवा भाव से हर दिन दर्जनों कोरोना संक्रमितों को मदद पहुंचा रहे हैं. एक छोटी सी ट्वीट पर पूरी टीम सक्रिय हो उठती है.
फिर चाहे अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराना हो, घरों तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना हो, जरूरी दवाइयां भिजवानी हो, या इलाज के लिए अस्पताल ले जाना हो. इनकी पूरी टीम इस काम में लग कर उसे अंजाम तक पहुंचा रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये भी है, कि पूरे टीम का नेतृत्व कर रहे बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी शहर से बाहर दूसरे राज्यों में भी इलाज करा रहे लोगों को जरूरत के हिसाब से मदद करवा रहे हैं.
राज्य के ही दूसरे जिलों के अस्पतालों में परेशान हो रहे मरीजों तक हर जरूरी संभव सहयोग करवा रहे हैं. टीम कुणाल की राह पर आदित्यपुर की सामाजिक संस्था नरेंद्र मोदी फैंस क्लब भी जबरदस्त तरीके से इस वैश्विक आपदा की घड़ी में मोर्चा संभाले हुए है. क्लब के सदस्य खून या प्लाज्मा के जरूरतमंदों तक ब्लड बैंक के माध्यम से खून और प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा रहा है.
इसके अलावा हर दिन कैंप लगवा कर कोरोना जांच कराया जा रहा है. साथ ही धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम स्थलों का सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है. जिसकी चर्चा क्षेत्र में खूब हो रही है. निश्चित तौर पर वैश्विक आपदा की इस घड़ी में जहां बड़े-बड़े शूरमाओं ने खुद को घरों में कैद कर सरकार और सरकारी सिस्टम पर छींटाकशी का ताना-बाना बुन रहे हैं.
वही कोल्हान के ये युवा तुर्क अपने बेहतर आपदा प्रबंधन और कुशल नेतृत्व ज्ञान का परिचय देते हुए सीमित संसाधनों के साथ हर दिन दर्जनों असहाय और बेबस लोगों को सहयोग पहुंचा रहे हैं. जिसे शायद कोल्हान की जनता नहीं भूलेगी.