By Central Desk पिछले करीब 13 वर्षों से चले आ रहे सहारा- सेबी विवाद का फिलहाल कोई प्रामाणिक निष्कर्ष नहीं निकला है. इन सबके बीच भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय की पहल पर सहारा समूह की चार कंपनियों में फंसे करीब 13 करोड़ निवेशकों को भुगतान करने का मार्ग प्रशस्त किया गया है. केंद्रीय गृह सह सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों सीआरसीएस- सहारा भुगतान पोर्टल लांच किया है जिसके माध्यम से सहारा के चार सोसायटियों के निवेशकों के पैसों का भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा, हालांकि फिलहाल दस हजार रुपए तक का ही भुगतान किया जाएगा.
बतौर केंद्रीय मंत्री सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर फिलहाल पांच हजार करोड़ रुपए सहकारिता मंत्रालय को मिले हैं. इसका भुगतान होने के बाद और पैसों की मांग की जाएगी. पहले चरण में छोटे निवेशकों का भुगतान किया जाएगा. जैसे-जैसे पैसे प्राप्त होंगे भुगतान का दायरा बढ़ाया जाएगा. सहारा- सेबी खाते में सहारा के अनुसार 25 हजार करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं. जबकि समूह की देनदारी वर्तमान में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की हो गयी है.
क्या 13 करोड़ निवेशकों का भुगतान इस प्रक्रिया से संभव है ?
विदित हो कि सहारा- सेबी विवाद की वजह से देश भर के करीब 13 करोड़ निवेशकों के करीब एक लाख करोड़ रुपए सहारा की अलग-अलग सोसायटियों में फंसे हैं. चूंकि मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है इसलिए भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट से निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीच का रास्ता निकालने का अनुरोध किया गया था. जिसपर सुप्रीम कोर्ट के जज के निर्देशन में सीआरसीएस- सहारा रिफंड पोर्टल का निर्माण किया गया और उसी पोर्टल के जरिये भुगतान सुनिश्चित करने की तैयारी कर दी गई है. हालांकि पोर्टल में कई तकनीकी खराबी आने शुरू हो गए हैं. अत्यधिक दबाव होने के कारण सर्वर हैक हो रहा है. घंटो सर्वर बिजी रह रहा है. सवाल यह उठता है कि क्या 13 करोड़ निवेशकों का भुगतान पोर्टल से तत्काल संभव है ? जानकारों के मुताबिक एक लाख करोड़ का भुगतान इस व्यवस्था से संभव नहीं है. इसके लिए सरकार और मंत्रालय को ठोस कदम उठाने होंगे. दूसरा अहम मुद्दा ये है कि सहारा में ज्यादातर निवेशक निम्न और मध्यम वर्ग के हैं. जो पोर्टल के जरिये भुगतान नहीं ले सकेंगे. ऐसे में बिचौलिए हावी होंगे और अज्ञानता वश ठगे जाएंगे.
फिलहाल सहारा के निवेशकों को क्या करना चाहिए
सहारा सूत्रों के अनुसार पोर्टल के जरिए भुगतान की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है, मगर इसके जरिये ही भुगतान होना है इसलिए निवेशकों को फिलहाल पोर्टल पर अपना आधार और मोबाइल नंबर निबंधित करा लेना चाहिए. जैसे ही अन्य विकल्प मिलेंगे भुगतान की प्रक्रिया में जाकर दस्तावेज अपलोड करा लेंगे.
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