Saraikela-Kharsawan वैश्विक त्रासदी के बीच इस साल भी झारखंड के सबसे बड़े पर्व मगर और टुसू मनेगा. जाहिर सी बात है टुसू और मकर के मौके पर मेला और मुर्गा पड़ा पर रोक रहेगी. न चौड़ल दिखेगा, न मुर्गा पाड़ा में नेताओं और राजनीति के महारथियों के मुर्गे शक्ति प्रदर्शन करते नजर आएंगे. इन सबके बीच इस साल टुसू में कोल्हान के लोगों को एक और कमी खलेगी. इस बार ईचागढ़ के पूर्व विधायक दिवंगत साधु महतो के बगैर कोल्हान में टुसू पर्व मनेगा. विदित रहे कि दिवंगत विधायक का मुर्गा टुसू मेले का शान हुआ करता था, जिसे विधायक बड़ी शिद्दत से पालते थे और अखाड़े में उतारते थे. हालांकि टुसू मेले में आयोजित होनेवाले मुर्गा पाड़ा में राजनीतिक हस्तियां अपने- अपने मुर्गे के जरिये राजनीति दांव भी प्रदर्शित करते हैं. दिवंगत विधायक इसके मंजे खिलाड़ी थे और बड़े शान से अपने मुर्गे के जरिये विरोधियों को पटखनी देते थे. इतना ही नहीं दिवंगत विधायक मकर संक्रांति के अवसर पर मेहमान नवाजी के भी शौकीन थे और अपने घर अतिथियों को गुड़- पीठा, मुढ़ी और मांस का खिलाकर खातिरदारी करने के लिए मशहूर थे. इस साल लोगों को इसकी बड़ी कमी खलेगी. विदित रहे कि पिछले साल 23 नवंबर को ईचागढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक रहे साधु चरण महतो का कोलकाता के रवींद्र नाथ टैगोर अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. वे 2014 के विधानसभा चुनाव में ईचागढ़ से विधायक चुने गए थे. हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव में वे चुनाव हार गए थे.


