गया: यूक्रेन व रसिया के बीच जारी युद्ध को देखते हुए यूक्रेन से भारतीय छात्र लगातार वापस अपने वतन लौट रहे है. लगातार खराब हो रही स्थिति को देखते हुए बिहार के गया जिले का छात्र उत्कर्ष राज अपने घर गया लौट आया है. उसके वापस घर आने से परिजनों के चेहरे पर खुशी लौट आई. उत्कर्ष राज मुख्य रूप से गया जिले के इमामगंज प्रखंड के मैगरा गांव का रहने वाला है. उसके पिता गया शहर में चिकित्सक हैं. उसके वापस घर आने से माता- पिता एवं घर के अन्य लोगों ने सुकून की सांस ली है.
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इस संबंध में उत्कर्ष राज बताया कि मैं यूक्रेन की कैपिटल किव शहर में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा हूं, मैं थर्ड ईयर का छात्र हूं. वहां पर अभी दो देशों के बीच में युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है. इसी को लेकर मैं वापस अपने देश इंडिया में आ गया हूं. मुझे भारतीय दूतावास से किसी भी तरह की कोई सहायता नही मिली. दूतावास द्वारा कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई थी. दोनों देशों के बीच युद्ध होने की स्थिति में फ्लाइट का भी टिकट काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे कई छात्र जो वहां रहकर पढ़ रहे हैं, वे उतनी ज्यादा राशि पे करके आने में असमर्थ हैं. नॉर्मल दिनों का फ्लाइट का चार्ज 25 से 30 हजार रुपये के आसपास रहता है. परंतु युद्ध की स्थिति से फ्लाइटों का चार्ज लगभग दुगना हो गया है. स्वयं 50 हजार का टिकट कराकर वापस इंडिया आया हूं, भारत सरकार द्वारा एयर इंडिया फ्लाइट यूक्रेन में भेजकर छात्रों को मंगाया जा रहा है, उसका चार्ज लगभग 60 हजार से ज्यादा है. काफी ज्यादा चार्ज होने की वजह से कई भारतीय छात्र नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे छात्र के परिजन काफी चिंतित है. सरकार से मांग करता हूं, कि एक न्यूनतम चार्ज रखकर वहां से सारे भारतीय छात्रों को वापस इंडिया लाया जाए.
उत्कर्ष राज (छात्र)
इस संबंध में छात्र उत्कर्ष की मां सीमा सिंह ने बताया मेरा बेटा यूक्रेन से वापस लौट कर आ गया है. हम लोग काफी खुश है. परंतु उसकी पढ़ाई को लेकर चिंता भी है.
सीमा सिंह (उत्कर्ष की मां)
वही उत्कर्ष के पिता डॉ. नागेंद्र सिंह ने बताया कि मेरा पुत्र यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई करता है। दो आपसी देशों में युद्ध होने की खबर मिली तो हमने आनन-फानन में अपने पुत्र को वापस इंडिया बुला लिया। मेरा पुत्र हम लोगों के बीच वापस आया तो हम लोगों को काफी खुशी हुई। परंतु एक बात को लेकर काफी चिंतित है, पुत्र की आगे की पढ़ाई कैसे होगी। भारत सरकार तथा यूक्रेन के सरकार से निवेदन करता हूं कि ऑफलाइन क्लास की जगह ऑनलाइन कराई जाये, ताकि भारतीय बच्चे जो यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे है, उनकी पढ़ाई में रुकावट ना आए.
हमारा भारत देश जो कि आबादी के दृष्टिकोण से दूसरे नंबर पर आता है, उसी को लेकर भारत सरकार से यह मांग करना चाहता हूं कि भारत में डॉक्टरों की पढ़ाई के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल कॉलेज बनाई जाए. उन कॉलेजों को कम से कम फी रखा जाए, ताकि किसी भी बच्चे को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर ना जाना पड़े. बच्चे अपने देश में ही रहकर सुरक्षित पढ़ सके.
डॉ. नगेंद्र सिंह (उत्कर्ष के पिता)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट