सरायकेला जिले के नीमडीह अंचल कार्यालय में सबकुछ ठीक- ठाक नहीं है. जहां अंचलाधिकारी और कर्मचारियों के बीच विवाद गहरा गया है और अंचलाधिकारी के खिलाफ कर्मचारी आंदोलन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
रविवार को झारखंड राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ ने बैठक कर सीओ द्वारा राजस्व कर्मचारी सोनाराम मुर्मू के खिलाफ किए गए कार्रवाई पर रोष प्रकट करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. बताया जा रहा है, कि पंजी 2 में संशोधन के लिए दिए गए काम को लंबित रखने और आवेदक को परेशान करने के मामले में सीओ द्वारा राजस्व कर्मचारी सोनाराम मुर्मू के एक प्रमोशन के समकक्ष वेतन इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी गई है.वहीं राजस्व कर्मचारियों में इसको लेकर नाराजगी देखी जा रही है. रविवार को बैठक कर कर्मचारियों ने सीओ के इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए फैसले पर पुनर्विचार करने और कर्मी के खिलाफ किए गए कार्रवाई को वापस लेने की मांग की है. उधर सीओ संजय पांडेय ने कर्मचारी पर जानबूझ कर आवेदक को परेशान करने के मामले में दोषी पाते हुए अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कार्रवाई किए जाने की बात कही है. उन्होंने बताया, कि उनके कार्याधिकार क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को उनके कार्यालय के कर्मचारी द्वारा प्रताड़ित या परेशान किया जाएगा तो उनके खिलाफ फैसला लेने का अधिकार उन्हें प्राप्त है, और नियमावली में प्रदत्त शक्तियों के तहत वे अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं. उन्होंने बताया, कि पिछले 29 महीने से राजस्व कर्मी द्वारा आवेदक को परेशान किया जा रहा है. जो कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. इससे सरकार और विभाग की छवि धूमिल हो रही है. बहरहाल अंचलाधिकारी और कर्मचारी के बीच जारी शीत युद्ध का अंजाम क्या होगा ये समय बताएगा, लेकिन फिलहाल सरकार के ही दो अंग अपनी- अपने हक और कर्तव्य को लेकर आमने सामने हैं.
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