आज 8 अगस्त है झारखंड आंदोलन के अग्रणी नायक रहे स्वर्गीय निर्मल महतो की आज ही के दिन 34 साल पूर्व जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद झारखंड आंदोलन की दशा बदल गई और अंततः 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य की घोषणा कर दी गई. स्वर्गीय निर्मल महतो को लोग निर्मल दा के नाम से भी जानते हैं.
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उन्होंने हमेशा महाजनी प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. आज के दिन जमशेदपुर में झारखंड के राजनीतिक दलों के साथ कई सामाजिक संगठनों द्वारा निर्मल दा के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है सभी राजनीतिक दलों के लोग उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद करते हैं. बिष्टुपुर स्थित चमरिया गेस्ट हाउस के समीप स्वर्गीय निर्मल महतो की प्रतिमा पर सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा.
इनमें मुख्य रूप से झारखंड सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन, जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो, घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, पोटका विधायक संजीव सरदार, सहित उनके परिवार की सदस्य ईचागढ़ की विधायक सबिता महतो एवं सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सभी ने निर्मल दा को याद कर उनके सपनों के झारखंड का निर्माण करने का संकल्प लिया.
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