रांची: शुक्रवार को अचानक राजधानी का माहौल खराब हो गया है. जहां रांची उपायुक्त ने कर्फ्यू का आदेश दे दिया है. जिसके बाद पुलिस सड़कों पर लोगों को सख्ती से घर जाने को कह रही है. कई दुकानें बंद कर दी गयी हैं. बता दें कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के बयान का राजधानी के मुस्लिम समुदाय के लोगों में भारी विरोध है. रांची के कई इलाकों पत्थरबाजी हुई है. उपद्रवियों द्वारा किए गए पत्थरबाजी में रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा घायल हुए हैं. उनका सेंटेवीटा अस्पताल में इलाज चल रहा है.
वहीं पत्थरबाजी सिटी डीएसपी कई थाना प्रभारी समेत कई जवान भी हुए घायल हैं. सबसे ज्यादा रांची के डेली मार्केट में काफी हंगामा देखने को मिला है. बढ़ती भीड़ को तितर- बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया, तो भीड़ की ओर से पत्थर चलाये गये. पत्थरबाजी में पुलिस के कई जवानों को चोट लगी. भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के बाद हवाई फायरिंग करनी पड़ी. उसके बाद ही भीड़ पर काबू पाया जा सका.
जानकारी के अनुसार, मेन रोड में कुछ प्रदर्शनकारी नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इसके बाद वे हाथ में काला और धार्मिक झंडा लेकर डेली मार्केट के सामने अल्बर्ट एक्का चौक की तरफ दौड़ने लगे. उन्हें रोकने के लिए पुलिस भी दौड़ी. इसी दौरान डेली मार्केट के पास पुलिस के साथ धक्का- मुक्की होने लगी. देखते ही देखते भीड़ आक्रोशित हो गई और जमकर पत्थरबाजी हुई. इससे पहले मुस्लिम समुदाय से जुड़े व्यापारियों ने कहा कि कई नेता अपने विवादित बयानों से देश का माहौल खराब कर रहे हैं. ऐसे में हमारा विरोध करना बिल्कुल जायज है
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सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे लोगों को कहना था कि जिस तरह का बयान नूपुर शर्मा के द्वारा दिया गया है, वह निंदनीय ही नहीं अपराध है. यदि ऐसे बयान देने वाले लोगों पर सरकार कार्रवाई नहीं करती है, तो मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश और भी ज्यादा देखने को मिलेगा. जिस तरह की बयानबाजी नूपुर शर्मा ने की है, उसे मुस्लिम समुदाय के लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. उनके इसी बयान के खिलाफ राजधानी रांची के मुसलमान अपना विरोध जता रहे हैं.
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इस बीच झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो अन्यथा ये इसी प्रकार का अनावश्यक उपद्रव करते रहेंगे और हमारे पुलिसकर्मी घायल होंगे. ठोस और कठोर निर्णय लेने का समय है. झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन मांग करती है कि जवानों को घायल करने वाले उपद्रवियों को रोकें, नही मानें तो बेहिचक ठोकें, तभी जाकर इस तरह की भीड़ उकसाने वालों पर अंकुश लगाया जा सकेगा. हम जवान भी किसी के बेटे-भाई हैं.