रांची: सिमरटोली सरना स्थल के पास सरहुल पर पुलिस बल के साथ धक्का- मुक्की और छीना- झपटी करने वाले अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है. सरकार ने डीजीपी को इससे संबंधित आदेश दिया है. उल्लेखनीय है कि बीते 30 मार्च को सिमरटोली फ्लाई ओवर के रैम्प को हटाने के लिए कुछ लोगों ने जुलूस निकालकर उग्र प्रदर्शन किया था.

उग्र प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने के साथ- साथ विधि- व्यवस्था संधारण के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों एवं पुलिस बल के साथ धक्का- मुक्की एवं छीना- झपटी की थी. प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी, बल एवं दंडाधिकारियों ने संयम का परिचय देते हुए विधि- व्यवस्था का संधारण किया था. घटना को लेकर चुटिया थाना में कांड संख्या 77/2025 दर्ज किया गया था. सरकार ने महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड को यह निर्देश दिया है कि चूंकि यह घटना सरहुल पर्व की भावना से जुड़ा हुआ है, अतः इस प्राथमिकी के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. इसपर संज्ञान लेते हुए महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक ने वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची को निर्देश दिया है कि इस कांड में कोई अग्रेतर कार्रवाई नहीं की जाए.
बता दें कि मंगलवार को पत्नी संग सिमरटोली सरना स्थल पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन को आदिवासियों का भारी विरोध झेलना पड़ा. आदिवासी समुदाय के लोगों ने मुख्यमंत्री और उनकी विधायक पत्नी के विरोध में जमकर नारेबाजी की थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टी बांधकर सोरेन दंपत्ति का विरोध भी किया. इस दौरान सीएम की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों की नोंकझोंक भी हुई. उसके बाद कड़ी सुरक्षा में सीएम हेमंत सोरेन और उनकी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन को सरना स्थल से बाहर निकाला गया.
मालूम हो कि सिमरटोली सरना स्थल के समीप बन रहे फ्लाईओवर में बन रहे रैंप का पिछले तीन- चार महीने से आदिवासी समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर स्थानीय प्रशासन और आदिवासियों के बीच तकरार भी हो रहे हैं. बावजूद इसके मुख्यमंत्री मंगलवार को विधायक पत्नी कल्पना सोरेन के साथ सिमरटोली सरना स्थल पहुंच गए. जहां उन्हें अपने ही समाज के लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ गया.
