रांची: झारखंड में स्वस्थ्य विभाग के निजाम के बदलते ही सिस्टम में बदलाव नजर आने लगा है. जहां सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स प्रबंधन ने तुगलकी फरमान जारी करते हुए संस्थान में होनेवाले सरस्वती पूजा पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया. जिसके बाद सूबे की सियासत गर्मा गया.
हालांकि बढ़ते विवाद के बाद आनन- फानन में रिम्स प्रबंधन ने अपना आदेश वापस लेते हुए पूजा की अनुमति दे दी है. वैसे इसकी कोई अधिकारी चिट्ठी या बयान सामने नहीं आया है.
*चलिये जानते हैं क्या है पूरा मामला*
दरअसल राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के संकायध्यक्ष के कार्यालय से दिनांक 25 जनवरी 2025 को एक पत्र जारी किया गया. जिसका पत्रांक संख्या 198 है. इसमे लिखा गया है कि “दिनांक 24.01.2025 को छात्रों एंव बाहरी बस्ती के लोगों बीच हुए मार पीट के वारदात को देखते हुए इस वर्ष (2025) को होने वाले वार्षिक सरस्वती पूजनोत्सव को निरस्त किया जाता है. छात्रों को यह निदेश दिया जाता है कि जो भी चंदा संरस्वती पूजा के नाम पर लिया गया है, उन्हें पैसा वापस कर दिया जाए. इस पर निदेशक महोदय की सहमति प्राप्त है. हालांकि रिम्स के डॉक्टर ने बताया कि सरस्वती पूजा करने के लिए रिम्स प्रबंधन ने परमिशन दे दिया है. मगर सवाल यह उठता है कि आखिर यह तुगलकी फरमान किसके आदेश पर जारी किया गया यह जांच का विषय है.