चांडिल: सरायकेला- खरसवां जिले के ईचागढ़ प्रखंड अंतर्गत रांगामाटी नेशनल हाईवे से सिल्ली की ओर जाने वाली सड़क का हाल ही में मरम्मत हुआ था, जो उखड़ने लगा है. बता दें कि रांगामाटी से टिकर तक करीब नौ किलोमीटर सड़क का मरम्मत 8.39 करोड़ की लागत से हुआ है. सड़क मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद से ही उखड़ने लगी हैं. जगह- जगह गड्ढे हो गए हैं. पथ निर्माण विभाग द्वारा सड़क का मरम्मत कराया गया है, जिसमें मंगोटिया कंस्ट्रक्शन ठेकेदार हैं.
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उक्त सड़क के घटिया कार्य पर रांची सांसद संजय सेठ ने नाराजगी जताते हुए विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई है. मंगलवार को सांसद संजय सेठ ईचागढ़ पहुंचे थे, यहां शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद ने भाग लिया. इस दौरान ग्रामीणों ने सांसद सेठ से रांगामाटी- टिकर में घटिया किस्म का मेटेरियल उपयोग कर निम्न स्तर का मरम्मत कार्य करने की शिकायत की. जिसके बाद सांसद सेठ ने नाराजगी जताई और पथ निर्माण विभाग के सचिव तथा अभियंताओं को फोन कर शिकायत की. वहीं, सांसद ने विभागीय अधिकारियों को सड़क मरम्मत कार्य की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. संभावना जताई जा रही हैं कि सांसद संजय सेठ ने जिस लहजे में विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई है, उस हिसाब से बहुत जल्द संवेदक के खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है.
देखें जर्जर सड़क की तस्वीर
सांसद संजय सेठ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ईचागढ़ के रंगामाटी- टिकर सड़क का आईआरक्यूपी कार्य 6 माह पूर्व संपन्न हुआ. दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने कम समय में सड़क बदहाल हो गई. बदहाली ऐसी कि इस पर चलना मुश्किल है. यह झारखण्ड की यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार का जीता जागता नमूना है. यहां होने वाली दुर्घटनाएं अब सामान्य हो चुकी है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से स्थानीय नागरिकों और ग्रामीणों की शिकायतें इस सड़क को लेकर आ रही थी. दुर्भाग्य से सरकार ने इस पर कभी संज्ञान नहीं लिया. आज क्षेत्र भ्रमण के दौरान सड़क का निरीक्षण किया. वास्तव में यह सड़क बहुत बदहाल हो चुकी है. संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.
उधर सांसद के निर्देश के बाद विभाग हरकत में आया और आनन- फानन में पथ निर्माण विभाग के सचिव ने पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (यां) को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब किया है.
क्या है सचिव का आदेश
सचिव ने लिखा है, उपर्युक्त विषय के संबंध में कहना है कि उक्त पथ के राईडिंग क्वॉलिटी में सुधार / मजबूतीकरण कार्य इसी वित्तीय वर्ष में समाप्त होने के बावजूद इसकी स्थिति क्षतिग्रस्त होने की सूचना विभिन्न स्रोतो से प्राप्त हो रही है. ज्ञातव्य है कि पथ कार्य के Defect Liability की अवधि 03 (तीन) वर्ष होती है. इसके बावजूद पथ के 06 (छ) माह के अन्दर ही क्षतिग्रस्त हो जाना सम्पादित कार्य की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है एवं ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माण के क्रम में इसका समुचित पर्यवेक्षण नहीं किया गया है.
अतः निदेशानुसार अनुरोध है कि विषयाधीन पथ कार्य की जांच अधीक्षण अभियन्ता, पथ अंचल, रांची के साथ करते हुए जांच प्रतिवेदन एवं दोषी को चिन्हित कर समुचित कार्रवाई का प्रस्ताव 03 (तीन) दिनों के अन्दर उपलब्ध करायी जाय. उधर सचिव का पत्र मिलते ही विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में संवेदक पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
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