रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा का 13वां केंद्रीय केंद्रीय महाधिवेशन राजधानी रांची के खेलगांव में हो रहा है. इस दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के गांवों तक बदलाव लाना है. झामुमो ने लंबा सफर तय कर यह मुकाम हासिल किया है. इस दौरान 108 पेज का सांगठनिक रिपोर्ट पेश किया गया. महाधिवेशन 15 अप्रैल तक चलेगा.


सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि 2019 में तब राज्य की जनता के आशीर्वाद से हमें नेतृत्व करने का अवसर मिला, उसमें भी विपक्ष ने कई बार राजनीति का स्तर नीचे गिराते हुए, झारखंड को पीछे ले जाने की कोशिश की, लेकिन सफल न हो सके. झारखंड न कभी डरा और न कभी झुका. सीएम सोमवार को झामुमो के महाधिवेशन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि झारखंड ही नहीं, पूरे देश- दुनिया के लोग आदरणीय दिशोम गुरुजी को आदर- सम्मान की नजरों से देखते हैं. दिशोम गुरुजी के नेतृत्व तथा असंख्य क्रांतिकारियों के संघर्ष और बलिदान के बाद हमें झारखंड अलग राज्य मिला. सीएम ने कहा कि दिशोम गुरुजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का जो विशाल पेड़ लगाया है और जिस पेड़ की जड़ें झारखंड के घर- घर में फैली हुई हैं, उसे सींचने का काम हमें करना है. हमारे अगुआ नेताओं के संघर्ष को सम्मान देने का काम हमें करना है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा गरीब, शोषित और वंचित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है. गुरुजी के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गयी, हमें अलग राज्य भी मिला. राज्य के लोगों ने सोचा कि अब हमारा सर्वांगीण विकास होगा. लेकिन राज्य का विकास चुनी हुई सरकार द्वारा ही संभव हो सकता है. यह दुर्भाग्य था कि राज्य बनने के बाद राज्य की बागडोर जिनके हाथों में थी. उन्हें यहां के आदिवासियों- मूलवासियों, झारखंडवासियों से कोई मतलब नहीं था. आज राज्य की जनता के आशीर्वाद और झामुमो के जुझारु सिपाहियों की मेहनत की बदौलत हमने अपने आप को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बोलने वाले दल को हराने का काम किया है. राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने का आशीर्वाद हमें मिला है. यहां यह आप सभी साथी भी महसूस कर रहे होंगे कि आज हमारे महाधिवेशन में पूर्व से बेहतर भव्यता है, इसी प्रकार हमें राज्य के लोगों के लिए भी दिन- रात काम कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है.
इस दौरान पार्टी के वरीय नेता स्टीफन मरांडी ने राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया. केंद्र सरकार की ओर से संसद से पास वक्फ बोर्ड संशोधन कानून का झारखंड मुक्ति मोर्चा विरोध किया है. कहा गया कि ऐसा करना संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं है. क्योंकि, संविधान में देश में सभी धर्मों को अपने तरीके से कार्य करने की छूट मिली है. उन्होंने कहा कि 1932 के खतियान को ही स्थानीयता का प्रमाण माना जाए. बढ़े आरक्षण को संविधान की नौवीं सूची में रखा जाए. सरना धर्म कोड को मान्यता मिले और राज्य में प्राथमिक से हाई स्कूल तक की पढ़ाई स्थानीय भाषा में होनी चाहिए. इसके अलावा पार्टी ने राज्य में जाति जनगणना कराने की मांग की है.
कार्यकारी अध्यक्ष कल्पना सोरेन बनेंगी
मिली जानकारी के अनुसार कल्पना सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाएगा. मंगलवार को इसकी विधिवत घोषणा की जा सकती है. कल्पना सोरेन गांडेय से विधायक हैं और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं.
