रांची/जमशेदपुर/ Afroj Mallick : एक ओर जहां सरकार के द्वारा महिलाओं के विकास को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं लागू की जा रही है वहीं दूसरी तरफ झारखंड सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा महिलाओं का शोषण किया जा रहा है. झारखंड के नगर परिषद में सीआरपी पद पर कार्यरत महिलाओं को झारखंड विकास एवं आवास विभाग के द्वारा उनका मानदेय नहीं दिया जा रहा है. इसको लेकर झारखंड की तमाम सीआरपी पद पर कार्यरत महिलाएं रांची पहुंची और झारखंड विकास एवं आवास विभाग को एक विज्ञापन सौंपा.
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ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि उनके द्वारा काम पूरी ईमानदारी के साथ किया जाता है. लेकिन उनका मानदेय कभी भी समय पर नहीं दिया जाता है. महिलाओं का कहना है कि उनका घर चलना भी अब मुश्किल हो गया है. बच्चों की स्कूल फीस और राशन में भी उधर चढ़ गया है. सीआरपी महिलाओं ने अपने द्वारा किए गए कामों को भी दर्शाया है जिसमें उन्होंने कहा है कि हमने अपने-अपने वार्डों में शौचालय का निर्माण करवाया साथ ही आवास के लिए इंदिरा आवास की खोज भी की और जातीय जनगणना भी हमने घर-घर जाकर किया पर हमारे काम की तरह हमें मानदेय नहीं दिया जा रहा है.
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