RANCHI बड़ी खबर रांची से आ रही है. जहां मंगलवार को चिरुडीह कांड मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री सह बड़कागांव के विधायक दंपत्ति योगेंद्र साव एवं उनकी पत्नी निर्मला देवी को दोषी करार दिया है. वहीं पुत्र अंकित राज को गवाह और साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. यह फैसला अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में सुनाया गया है. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव कोर्ट में वीसी के माध्यम से उपस्थित हुए थे. बता दें कि बीते 8 मार्च को दोनों पक्षों के अंतिम दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. यह मामला बड़कागांव कांड संख्या 228/16 के तहत दर्ज हुआ था. ज्ञात हो कि यह मामला एनटीपीसी के खिलाफ की गई कफन सत्याग्रह से जुड़ा है. इस मामले में कोर्ट 24 मार्च को सजा सुनाएगी.
क्या है मामला
चिरुडीह कांड मामला साल 2016 का है, जब पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी स्थानीय ग्रामीणों संग एनटीपीसी द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कफन सत्याग्रह को समर्थन देते हुए शामिल हुई थी. उस वक्त ग्रामीणों की झड़प प्रशासन से हुई थी जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी. उस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी और पुत्र अंकित राज के खिलाफ बड़कागांव थाना में मामला दर्ज कराया गया था. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 20 गवाह प्रस्तुत किए गए. वही योगेंद्र साव खुद के बचाव में 22 गवाहों की सूची न्यायालय ने दी थी. जिसमे महज 7 गवाहों की गवाही हुई. इस मामले में योगेंद्र साव राहत के लिए निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में तीन बार गुहार लगाई. बावजूद इसके न्यायालय से जमानत नहीं मिली. पिछली बार सुप्रीम कोर्ट ने योगेंद्र साव की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत को 3 माह के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था, जिसके आलोक में रांची सिविल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई. जिसके बाद सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने फैसला को सुरक्षित रख लिया है, अब मंगलवार को कोर्ट फैसला सुनाएगी जिसपर सबकी निगाहें टिकी है.