राजनगर (पीताम्बर सोय) ने सोमवार को समाजसेवी सह भाजपा नेता रमेश हांसदा ने संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर राजनगर क्षेत्र में चरमराई शिक्षा व्यवस्था और बदहाल सड़कों के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण के लिए राजनगर प्रखण्ड के सैकड़ों युवा झारखंड अलग राज्य आन्दोलन में कूद पड़े थे. यह सोच कर कि झारखंड बन जाने से आने वाली पीढ़ी को अच्छी शिक्षा नसीब होगी. उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना नहीं पड़ेगा, मगर 22 वर्ष बाद भी हालात यह है कि राजनगर प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज तक नहीं है.
इंटर की पढ़ाई के बाद हमारी बेटियां पैसे के अभाव में पढ़ाई छोड़ रही है. परन्तु इस मुद्दे पर बोलने वाला कोई नहीं है. 21 पंचायतों वाले आदिवासी बहुल प्रखंड होने के बावजूद सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है. राजनगर में डिग्री कॉलेज हो. ताकि गरीब छात्र- छात्राएं घर का खाना खाकर यहीं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें. वर्षों बाद भी राजनगर में कोई डिग्री कॉलेज नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. हमारी गरीब छात्र- छात्राओं को मजबूरन इंटर के बाद टाटा, चाईबासा, सरायकेला, रांची यहां तक कि बाहर अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता है.
ठीक इसी तरह सड़कों का हाल भी ख़स्ताहाल है. रमेश ने कहा कि इन्हीं मुद्दों को लेकर राजनगर प्रखंड के सभी बुद्धिजीवी, पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न राजनितिक दल के लोग, साहित्यकार, नाट्य कर्मी एवं आमजनों की एक बैठक 3 नवंबर को किसान भवन में प्रातः 10 बजे आहूत की गई है. जिसमें गैर राजनीतिक तौर पर क्षेत्र के विकास के लिए राय मशविरा किया जाएगा. सभी लोगों से अपील है बैठक में भाग लेकर अपना महत्वपूर्ण राय अवश्य रखें. इस संवादाता सम्मेलन में सीताराम हांसदा, चतुर हेम्ब्रम, दुर्गा लाल मुर्मू आदि उपस्थित थे.
बाईट
रमेश हांसदा (भाजपा नेता)