राजनगर/ Rasbihari Mandal पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक चम्पाई सोरेन ने सोमवार को राजनगर बाजार स्थित नवनिर्मित पं. राघुनाथ मुर्मू के प्रतिमा शेड का उद्घाटन फीता काट कर किया. इसके पश्चात ओलचिकी लिपि के जनक गुरु गोमके पं. राघुनाथ मुर्मू के अदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.


वहीं उपस्थित सभी लोगों ने एक के बाद एक प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गुरु गोमके को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया. इससे पूर्व सारना आसड़ा नागाम गांवता गम्देसाई राजनगर की ओर से ओलचिकी लिपि के जनक गुरू गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू की 120 वीं जयंती पर संताली रीति- रिवाज के साथ विष्णु मुर्मू के नेतृत्व में पूजा- अर्चना किया गया.
मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक चम्पाई सोरेन ने कहा कि पं रघुनाथ मुर्मू मात्र 20 वर्ष के अल्प आयु में संताली भाषा के लिपि ओलचिकि का अविष्कार किया. उन्होने सन् 1925 में संताली भाषा के लिपि ओलचिकी लिपि को संताल समाज के सामने प्रर्दशित किया था. आज लिपि का अविष्कार करके 100 साल पूरा हो गया है, फिर भी कहीं ना कहीं आज उनका सपना अधूरा नजर आ रहा है. हमें संकल्प लेकर ओलचिकी लिपि का प्रचार- प्रसार करना होगा. उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि अपनी मातृभाषा को नहीं भूल कर ओलचिकी लिपि से ही पढ़ाई करें.
मालूम हो कि राजनगर स्थित पं. राघुनाथ मुर्मू के प्रतिमा शेड का सौंदर्यीकरण का पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक चम्पाई सोरेन ने अपने विधायक फंड से मार्च माह में शिलान्यास किया था.
इस अवसर पर पुर्व मुख्यमंत्री के पुत्र बबलू सोरेन, सिमल उर्फ वकील सोरेन, मुखिया राजो टुडू, हीरालाल सतपथी, करमु पान, विष्णु मुर्मू, मिथुन कुंभकार, दिलीप राउत, विरेन्द्र दास आदि उपस्थित थे.
बाईट
चंपाई सोरेन (पूर्व मुख्यमंत्री)
