राजनगर/ Pitambar Soy पर्यावरणविद सुश्री चामी मुर्मू राष्ट्रपति द्रौपदी के हाथों पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होकर शनिवार को दिल्ली से राजनगर पहुंची. राजनगर पहुंचने पर बगराईसाई स्थित सहयोगी महिला संस्था के कार्यालय में उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान चामी ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ज़ब तीस साल पहले उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करना शुरू किया, तो सोचा नहीं था कि एक दिन पद्मश्री अवार्ड से नवाजी जाएंगी. उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें अपने दादाजी की बातें सुन कर पर्यावरण के प्रति प्रेम और लगाव पैदा हुआ.
शुरू में कुछ महिलाओं के साथ हमने पर्यावरण के क्षेत्र में काम करना शुरू किया. वन विभाग के नर्सरी से संपर्क किया और नर्सरी बनाना सीखा और क्षेत्र के सरकारी एवं गैर सरकारी भूमि, बंजर भूमि में पौधा रोपण शुरू किया. पिछले 30 वर्षों से लगातार हर साल एक लाख पौधे लगाती हूं. आज करीब 30 लाख पौधे पर्यावरण की शोभा बढ़ा रहे हैं. जिसमें फलदार, छायादार से लेकर हर तरह के पौधे लगाए हैं. हमने 3000 से अधिक महिला समूह बनाया. उन्हें स्वालंबन के लिए विभिन्न तरह का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया. सुश्री चामी ने कहा कि ज़ब तक वह जिंदा रहेंगी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करती रहूंगी. चामी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. इस दौरान सहयोगी महिला संस्था के सचिव जवाहरलाल महतो, सुरई मुर्मू, जगन्नाथ महतो, युधिष्ठिर महतो, राजा, हिमानी महतो, डेमका टुडू, सलमा टुडू, अनिता टुडू आदि उपस्थित थे.