राजनगर/ Pitambar Soy संथाली लिपि के प्रचार- प्रसार के लिए बनी ओलचिकी हूल बैसी संगठन की ओर से झारखण्ड सरकार को दिए अल्टीमेटम के बाद भी संथाली भाषा में पुस्तकों का मुद्रण एवं पढ़ाई शुरू नहीं होंने से नाराज संथाल समाज के विभिन्न संगठनों के आह्वान पर 4 जुलाई को संपूर्ण झारखंड बंद का ऐलान किया गया है.
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ओलचिकी हूल बैसी नामक संगठन की ओर से सरकार को 27 जून तक संथाली लिपि में पुस्तकों का मुद्रण और पढ़ाई आरंभ करने का अल्टीमेटम दिया गया था. परंतु सरकार का इस दिशा में कोई करवाई नहीं होता देख संथाली समाज में आक्रोश व्याप्त है. संगठन का कहना है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्राथमिक स्तर की पढ़ाई विद्यालयों में अपनी अपनी मातृभाषा में की जानी है. संथाली भाषा का अपना स्वतंत्र लिपि है. उसके बावजूद भी झारखंड में संथाली लिपि की पुस्तकें नहीं छप रही हैं और ना ही संथाली भाषा की पढ़ाई शुरू की गई है.
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