सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड के डूमरडीहा पंचायत स्थित लक्ष्मीपोसी गांव की 14 वर्षीय अनाथ दिकुमाय हो पढ़ना चाहती है, मगर पांचवीं पास बिन मां बाप की बेसहारा दिकुमाय के लिए आगे की पढ़ाई मुश्किल नजर आ रही है. दिकुमाय हो पांचवीं पास है और डूमरडीहा मध्य विद्यायल में उनका नामांकन भी हुआ है, लेकिन स्कूल नहीं जा पाती है. पढ़ाई छूट चुकी है. डेढ़ साल पहले कोरोनाकाल के दौरान ही दिकुमाय ने अपनी मां जेमा हो को दुनिया से हमेशा के लिए खो दिया. पिता सोनातोन हो का चार वर्ष पूर्व ही देहांत हो चुका है. वह मां- बाप की इकलौती बेटी है. फिलहाल अपने चाचा- चाची के घर में रहती है. गांव के समाजसेवी सोमनाथ महतो ने बताया, कि लड़की पढ़ना चाहती है, परंतु आगे की पढ़ाई लड़की के लिए कठिन है. मियमित स्कूल जा पाना इसके लिए सम्भव नहीं है. इनका कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निश्चित रूप से नामांकन होना चाहिए, ताकि बच्ची पढ़ाई- लिखाई कर अपने सपनों को साकार कर सके. सोमनाथ ने कहा, कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका में नामांकन के लिए आवेदन भरेंगे. यदि इनका चयन नहीं होता है, तो उपायुक्त से भी मिलेंगे. बच्ची को मदद अवश्य मिलनी चाहिए. किशोरी के पास माता- पिता का राशन कार्ड भी है. परंतु मार्च, अप्रैल, मई और जुलाई का राशन नहीं मिला है. कारण ई पॉश मशीन में फिंगरप्रिंट सेंसर मैच नहीं होना बताया जाता है. खैर जो भी हो बच्ची को सरकारी सहायता की बेहद आवश्यकता है। ताकि इनकी पढ़ाई न छूटे.
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