राजनगर (पीताम्बर सोय) एनजीओ सहयोगी महिला बगराईसाई के कार्यालय में मंगलवार को नाबार्ड की ओर से ज्वाइंट लाइबलिटी ग्रुप (जेएलजी) के सदस्यों के बीच कुल 4.07 करोड़ रुपए बैंक ऋण का वितरण किया गया. जिसमें सरायकेला- खरसावां जिले के 103 जेएलजी को 2.31 करोड़ रुपए तथा पूर्वी सिंहभूम जिले के 80 जेएलजी के बीच 1.76 करोड़ रुपए के ऋण का वितरण हुआ. जिससे सरायकेला-खरसावां जिले के 464 और पूर्वी सिंहभूम जिले के 353 लाभुक लाभान्वित हुए.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने एनजीओ सहयोगी महिला बगरायसाई के सौजन्य से चलाई जा रही नाबार्ड वित्त पोषित एफपीओ परियोजना और जेएलजी योजना की प्रगति का जायजा भी लिया. सीजीएम विनोद कुमार बिष्ट ने बताया कि एफपीओ अर्थात किसान उत्पादक संगठन, ग्रामीणों और किसानों की आर्थिक व सामाजिक दशा में बड़ा परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है. एफपीओ के माध्यम से किसानों के उत्पादन लागत में कमी, आधुनिक तकनीकी ज्ञान की जानकारी और बेहतर विपणन सुविधा सुलभता से प्रदान की जा सकती है. इसके अलावा सीजीएम ने बताया कि कृषि और गैर कृषि क्षेत्रों में उद्यमिता के विकास हेतु आवश्यक बैंक ऋण की सुविधा जेएलजी अर्थात संयुक्त देयता समूह के माध्यम से सुलभ रूप से हो सकती है और नाबार्ड ने इसके लिए झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के साथ अन्य कई बैंकों के साथ करार किया है.
मौके पर उपस्थित पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर ने एफपीओ से किसानों को जोड़ने की गति में तीव्रता लाने का निर्देश दिया. इस अवसर पर झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी रजक, एलडीएम वीरेंद्र कुमार शीट, वरीय वैज्ञानिक डॉक्टर अरविन्द मिश्रा, पर्यावरणविद् चामी मुर्मू समेत एफपीओ के सदस्य किसान तथा जेएलजी के लाभुक उपस्थित रहे.