राजनगरः सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड क्षेत्र के चंगुआ गांव में मरे हुए युवक के पांच साल बाद जिंदा लौट आने की वायरल खबर से सनसनी फैल गई. खबर आग की तरह आसपास के गांवों में फैल गई. यहां तक की लोगों ने इसको लेकर सोशल मीडिया में खबर फैला दी. जिसके बाद राजनगर के चांगुवा गांव में उक्त युवक को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
वायरल खबर ने हर किसी को अचंभित कर दिया. आखिर मरा हुआ युवक कैसे जिंदा वापस लौट सकता है. लोगों में युवक को देखने के लिए उत्सुकता और जिज्ञासा बढ़ी, तो स्थानीय पत्रकार भी सच्चाई जानने के लिए चांगुवा गांव पहुंचे और वायरल खबर की पड़ताल की. जहां युवक चांगुवा के दम्पति पाकु महतो के घर मिला. युवक को देखने के लिए काफी लोग उमड़ पड़े थे. युवक चुपचाप बैठा हुआ था. अपना बेटा समझकर पाकु महतो और उसकी पत्नी खुश नजर आ रहे थे. उसकी अच्छी से खातिरदारी भी की गई. उसे अच्छे से खाना खिलाया गया. स्थानीय पत्रकारों ने दम्पति से पूछा तो दम्पति ने बताया कि कुछ साल पहले उनका बड़ा बेटा पंकज महतो को पांच वर्ष पहले जहरीले सांप ने काट दिया था. जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई थी. परिजनों ने अंध्विश्वास में उसके शव को दफनाने या जलाने के बजाय अर्थी को इस आस में नदी में बहा दिया था कि कभी पंकज जिंदा होकर वापस लौट आएगा. लेकिन पांच साल बाद जब उसी के हमशक्ल का एक भटका हुआ युवक को चांगुआ गांव में ग्रामीणों ने देखा तो सभी के होश उड़ गए. वहीं इसकी खबर राजनगर के विभिन्न गांव में आग की तरह फैल गई कि पाकु महतो का बेटा जिन्दा वापस लौट कर आ गया है. जिसे देखने के लिए लोग दूर- दूर से गांव पहुचने लगे. हालांकि युवक कुछ बोल नही रहा था, लेकिन शुक्रवार की शाम ग्रामीणों और उस परिवार के सदस्यों द्वारा हिंदी भाषा मे पूछे जाने पर वह युवक जब अपना मुंह खोला तो पूरा मामला साफ हो गया. युवक ने अपना नाम प्रदीप कुमार यादव, पिता का नाम महेश्वर यादव, गांव – कांप गोइंट उत्तरवाली टोला, थाना -सोर बाजार, जिला सहरसा ( बिहार) का रहने वाला बताया. बताया कि वह बिहार के सहरसा जिले का रहने वाला है, जो काम की तलाश में 45 दिन पहले अपने घर से निकला था, लेकिन भटकते- भटकते वह राजनगर पहुंच गया और एक विक्षिप्त की तरह राजनगर में दो दिनों से घूम रहा था. युवक ने बताया कि 39 दिनों तक खाने को भी नही मिला केवल यहां- वहां पानी पी कर गुजरा कर रहा था. वहीं चांगुआ गांव में एक भोज कार्यक्रम में ग्रामीणों ने जब उस युवक को खाना मांगते देखा तो ग्रामीणों और पाकु महतो के परिवार ने देखा कि उस युवक की शक्ल हू-ब-हू मृतक पंकज महतो से मिलता जुलता है, और जिसे अपना बेटा मान कर घर ले गए. जहां उसे बड़े प्यार से खाना खिलाया गया, और उसे रहने के लिए घर दिया गया. वहीं शुक्रवार की शाम उसने अपना पूरा घटनाक्रम ग्रामीणों को बताया तब मामले का खुलासा हो पाया. यहां तक कि उस लड़के ने अपने एक मामा का मोबाइल नंबर दिया, जिससे पता चला कि वह बिहार से भटकते हुए यहां आ पहुंचा है. जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे युवक को सुरक्षित राजनगर पुलिस के हाथों सौप दिया. वहीं शनिवार को बिहार से भटके हुए युवक के परिजन उसे लेने आ रहे है, जो रात तक पहुंच सकते है. इस प्रकार चांगुआ गांव के इस अदभुत मामले का खुलासा हो गया और बिहार से भटककर राजनगर पहुंचे युवक प्रदीप यादव को वापस अपने घर पहुचने की उम्मीद जगी. फिलहाल युवक अभी राजनगर थाने में सुरक्षित है. जिसे परिजनों के हाथों सौंप दिया जाएगा.
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