राजनगर (Pitambar Soy) स्थानीय विधायक सह मंत्री चम्पई सोरेन ने मंगलवार को राजनगर के गमदेसाई सामुदायिक भवन में ईचा डैम मुद्दे को लेकर कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में मंत्री चम्पई सोरेन ने एक बार फिर अपनी बात दोहराई और कहा कि ईचा डैम का स्वरूप बदल जाने से 150 गांव डूबने से बच जाएंगे.
40 वर्ष पहले जिस ढांचे में ईचा डैम का निर्माण के लिए डीपीआर बना था. उससे सैकड़ों गांव डूबने के कगार पर थे. जिसके लिए हमने शुरू से ही डैम का पुरजोर विरोध किया था. जिसके चलते आज तक वृहत डैम का निर्माण रुका रहा. अब सिंचाई और सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन की पूर्ति के उद्देश्य से ईचा डैम का निर्माण बदले हुए स्वरूप में होगा. ऊंचाई कम करने पर विभाग से सहमति बन गई है और डैम का आकार पहले से काफी छोटा हो जाएगा. हमने जल संसाधन विभाग को ईचा डैम का स्वरूप बदलने का प्रस्ताव दिया था. हमने एक ही शर्त रखी थी कि डैम से एक भी गांव डूबना नहीं चाहिए और न ही इससे कोई विस्थापित होना चाहिए.
बाकायदा इसके लिए विभाग के साथ बैठक कर गहन मंथन किया गया है. बैठक कर इसकी रूपरेखा तैयार की गई है. सिंचाई के लिए और किसी की जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी. डैम के लिए जो दाईं ओर बाईं नाहर बनी है. उसमें पंप हाउस के माध्यम से पाइप के द्वारा नहर में पानी पहुंचेगा और नहर का पानी सिंचाई के लिए पाइप लाइन से खेतों तक पहुंचाई जाएगी. इसके लिए और किसी की खेत की जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी. ईचा डैम को गांजिया बराज की तर्ज पर सिंचाई और प्लॉटिंग सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन के लिए बनाई जाएगी. गांजिया बराज से पाइपलाइन सिंचाई व्यवस्था के लिए काम शुरू हो चुका है. इसी तरह कशीदा डैम से भी पाइपलाइन से सिंचाई के लिए डीपीआर बन गया. ईचा डैम से भी इसी तरह का डीपीआर बनाई जा रही है.
ईचा पीढ़ क्षेत्र के ग्रामीणों को विश्वास में लेकर ही काम शुरू होगा
बैठक के बाद मंत्री चम्पई सोरेन ने मीडिया से कहा कि वृहद ईचा डैम के विरोध में हमने वर्षों से डैम से प्रभावित गांव की जनता के साथ आंदोलन किया है. लेकिन मैं 150 गांवों के डूबने और विस्थापित होने के विरोध में था. सिंचाई सुविधा के विरोध में नहीं. पूर्व की भाजपा सरकार पुराने ढांचे में डैम निर्माण कर रही थी. परंतु हमारी सरकार में अब पूरी तरह से ईचा डैम का स्वरूप बदला जा रहा है. ग्रामीणों को मैं पूर्ण विश्वास दिलाता हूं कि एक भी गांव डूबने नहीं दूंगा. जनता के में पुराने स्वरूप को लेकर डैम के विषय में जो भय वर्षों से मन में घर कर गया है, उसे दूर करने के लिए हर गांवों में जाकर जनता का विश्वाश हासिल करेंगे. डैम के बदले स्वरूप को सार्वजानिक करेंगे, तभी इस पर काम आगे बढ़ेगा. मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि एक बार डैम के बदले स्वरूप से जनता अवगत हो गई तो मन में विस्थापन का डर और संशय समाप्त हो जाएगा. किसानों के खेत में सालों भर पानी पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त होगा. बैठक में प्रखंड अध्यक्ष धार्मा मुर्मू, गम्हरिया प्रखंड बीस सुत्री अध्यक्ष छायाकांत गोराई, सरायकेला विधायक प्रतिनिधि सनद आचार्य, शारदा देवी, जिप सदस्य सुलेखा हांसदा, पूर्व जिप सदस्य कापरा हांसदा, डोबरो देवगम, हीरालाल सतपथी, नेम्बू प्रधान, गुरुप्रसाद महतो, मिथुन कुंभकार, करमु पान, अजय बारदा, सागेन टुडू, विजय पूर्ति, मुखिया मोटाय मेलगांडी, अजय बारदा, रूपेश महतो, बहादुर महतो आदि सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे.
बाईट
चम्पई सोरेन (मंत्री)
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