राजनगर Rasbihari Mandal प्रखण्ड के शहीद ग्राम मातकमबेड़ा में गुरुवार को ग्राम प्रधान पूर्ण चंद्र सोरेन की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक बुलाई गई. जिसमें मातकमबेड़ा गांव के तीनों टोला से सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए.
वहीं ग्रामीणों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मातकम बेड़ा में एक ही ग्राम प्रधान रहेगा, जो पहले से है. बताया जा रहा है कि विगत 28 जनवरी को अखबार के माध्यम से ग्रामीणों को सूचना मिली कि शहीद ग्राम मातकमबेड़ा के डिबाडीह टोला में कुछ लोगों ने संगठन बनाकर महिला ग्राम प्रधान बनाने का निर्णय लिया जो अखबार में प्रकाशित भी हुआ जिसको लेकर गांव में माहौल गरमा गया.
इधर गुरुवार को मातकम बेड़ा में ग्रामीणों ने बैठक की और शहीद ग्राम डिबाडीह में महिला ग्राम प्रधान के निर्णय का विरोध जताने लगे. ग्रामीणों ने नारे लगाते हुए कहा “एक गांव में दो ग्राम प्रधान नही चलेगा, नही चलेगा.” वहीं गाँव के ग्राम प्रधान और बुद्धिजीवियों ने कहा कि हम सभी इसका विरोध करते है क्योंकि डिबाडीह हमारे गांव मातकम बेड़ा का एक टोला है और मातकम बेड़ा में पहले से ग्राम प्रधान स्थापित है तो फिर इसी गांव के टोला डिबाडीह में दूसरा ग्राम प्रधान कैसे मुमकिन है. और वो भी महिला. ऐसा होना हमारे परंपरा के खिलाफ है क्योंकि हमारे संथाली परंपरा के अनुसार हमारे जाहेर स्थान में महिला का प्रवेश वर्जित है. इसलिए मातकम बेड़ा और तीनों टोला के ग्रामीणों की उपस्थिति में इस संबंध में विचार करने के बाद निर्णय लिया गया, कि अखबार में प्रकाशित उक्त खबर का हम खंडन करते है और पहले के ग्राम प्रधान को ही हम अपना ग्राम प्रधान मानते है.