राजनगर (पीताम्बर सोय) सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड क्षेत्र के डुमरडीहा पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीपोसी में दुर्गा पूजा का आयोजन धूमधाम से हो रहा है. यहां वर्ष 2018 से मां दुर्गा की जा रही है.
नवरात्रि के महाअष्टमी के दिन कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा में 251 महिलाएं सफेद- लाल की वस्त्र धारण कर शामिल हुईं. जिसमें गाजे- बाजे के साथ कलश लेकर महिलाएं तालाब पहुंची. वहां से पूजा- अर्चना कर पवित्र जल लेकर कलश यात्रा निकाली गई. कलश यात्रा के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. तालाब से कलश लेकर पूजा स्थल पर स्थापित कर पूजा अर्चना किया गया.
पूजा के दौरान फल, मिठाई , केला , लड्डू, बतासा फूल, बेलपत्र चढ़ाए, सभी श्रद्धालुओं ने गांव के सुख- समृद्धि एवं रोग निवारण के लिए मन्नत मांगी. मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा का पूजा अर्चना करते हैं मां उसकी हर कामनाएं पूरी करती है.
आयोजन को सफल बनाने में मां मुक्ता महतो, राजेंद्र महतो , संजय महतो, महावीर महतो, बिहारी लाल महतो, बुद्धेश्वर महतो, दीपक महतो, लखाय महतो, गयाराम महतो एवं ग्रामवासी का सहरनीय योगदान रहा.
वहीं कार्यक्रम में गोपबन्धु उच्च विद्यालय हामंदा के पूर्व प्रधानाध्यापक नुनु राम महतो भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मां दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का संहार किया था. जो भगवान ब्रह्मा का वरदान पाकर काफी शक्तिशाली हो गया था. कोई भी देवता अथवा दानव उस पर विजय प्राप्त नहीं कर सके. वरदान पाकर वह स्वर्ग लोक में देवताओं को परेशान करने लगा और पृथ्वी पर आतंक मचाने लगा. उसने स्वर्ग में एक बार अचानक आक्रमण कर दिया और इंद्र को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था. सभी देवता परेशान होकर त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास सहायता के लिए पहुंचे. सारे देवताओं ने मिलकर उसे हराने के लिए युद्ध किया. परंतु हार गए कोई उपाय ना मिलने पर देवताओं ने उसके विनाश के लिए देवी दुर्गा का सृजन किया.
देवी दुर्गा ने महिषासुर पर आक्रमण कर उससे 9 दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन के युद्ध में उसका वध कर दिया. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.
इधर राजनगर ब्लॉक मैदान, बड़ा कुनाबेड़ा, ईचा, सोसोमोली आदि, गोलो कुटुंम, एदल, सिजुलता, रंजड़ आदि पूजा पंडालों में महाष्टमी के दिन पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. जिसमें महिला श्रद्धालु अधिक देखी गईं.