सरायकेला: नवनिर्वाचित प्रमुख ओलिभ ग्रेस कूल्लू के पति व वरिष्ठ नेता सह समाजसेवी कालीपद सोरेन शुरू से ही पत्नी को प्रमुख बनाने के लिए रणनीति पर काम कर रहे थे. केपी को जहां मंत्री चम्पई सोरेन का आशीर्वाद मिला, वहीं पूर्व प्रखंड उपप्रमुख विनय सिंहदेव से भी समर्थन हासिल करने में कामयाबी मिली. यहां बता दें कि पूर्व उपप्रमुख विनय सिंहदेव किंग मेकर की भूमिका में रहे. जिसके बदौलत सदस्यों में एक सर्वसहमति बन पाई.
चूंकि विनय के खेमे में प्रयाप्त संख्याबल में पंचायत समिति सदस्य थे. आखिरी रात तक विनय के खेमे में पर्याप्त आंकड़ा मौजूद था. परंतु केपी सोरेन के विनम्र आग्रह पर विनय ने केपी सोरेन की पत्नी ओलिभ ग्रेस कुल्लू एवं सुमना देवी को समर्थन देने के लिए सदस्यों को राजी कराया. चूंकि विनय सिंहदेव के खेमे से भी प्रमुख उपप्रमुख के लिए दावेदारी पेश की जाने लगी थी. यदि विनय सिंहदेव सदस्यों को केपी के पक्ष में नहीं लाते तो शायद प्रमुख व उपप्रमुख के खेल लिए समीकरण बिगाड़ सकता था, या यूं कहें कि उलटफेर हो सकता था.