सरायकेला: सरायकेला- खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड में बन कर तैयार खादी पार्क जल्द शुरू होगा. प्रशासनिक स्तर पर इसकी तैयारी तेज कर दी गई है. बता दें कि साल 2013 में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान उद्योग मंत्री रहते चंपई सोरेन ने राजनगर प्रखंड मुख्यालय से सटे श्यामनगर में 7.50 एकड़ भूमि पर खादी एवं सिल्क पार्क की आधारशिला रखी थी. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित कर यहां पार्क का शिलान्यास किया गया था. करोड़ों रुपए रुपये खर्च कर यहां चारदिवारी व छोटे आकार का एक भवन भी बनाया गया है.

मगर पिछली भाजपा सरकार आने के बाद कार्य को आगे नहीं बढ़ाया गया और पार्क शुरू नहीं हो पाया. इससे खादी पार्क के चारों ओर झाड़ियां उग गई थी, लेकिन जैसे ही फिर से झामुमो सरकार सत्ता में आई मंत्री चंपई सोरेन ने फिर से खादी एवं सिल्क पार्क के कार्य को आगे बढ़ाया. खादी पार्क में काम तेजी से चल रहा है. चारों ओर उगी झाड़ियों को साफ कर दिया गया है. भवन एवं चारदीवारी का रंग रोगन किया गया है. सिलाई- कढ़ाई के लिए मशीनें भी लाई गई हैं. खादी भवन की साफ- सफाई, इलेक्ट्रिक व्यवस्था और फंखे आदि लगाए जा रहे हैं. संभावना है कि बहुत जल्द खादी पार्क शुरू होने वाला है. हालांकि बगल में बन रहे सिल्क पार्क का काम अभी भी अधूरा पड़ा है. सिर्फ भवन का निर्माण हुआ है. वह भी पूरा नहीं हुआ है. खादी पार्क तक जाने के लिये सड़क नहीं है. कच्चे सड़क के रास्ते पार्क तक जाना पड़ता है. अब यहां सड़क बनाने की तैयारी हो रही है.
*खुलेंगे रोजगार के द्वार, घर बैठे महिलाऐं कर सकेंगी आमदनी*
राजनगर के खादी पार्क के बनने से हजारों महिलाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा. तसर कोसा से रीलिंग-स्पीनिंग का कार्य करने वाली महिलाएं प्रतिदिन दो से तीन सौ रुपये तक आमदनी कर सकेंगी. महिलाएं घर बैठे भी इस काम को कर पाएंगी. पार्क में तसर सूत कताई- बुनाई के साथ आसपास के गांवों को ग्रामोद्योग से भी जोड़ने की योजना है. पार्क परिसर में कपड़ों के उत्पादन, प्रशिक्षण व प्रदर्शनी के लिये भी व्यवस्था होगी. खादी पार्क में शुरुआती दौर में सूत कताई पर पूरा जोर रहेगा. पार्क में खादी व सिल्क कपड़ों का एक इंपोरियम भी बनाया गया है. इसके कपड़ों की प्रदर्शनी के साथ साथ बिक्री की भी व्यवस्था होगी. यहां तसर कोसा से सूत कताई से लेकर कपड़ों की बुनाई तक का कार्य भी होगा. पहले चरण में 30 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो तीन माह का होगा. प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को प्रतिमाह 15 सौ रुपये प्रतिमाह स्टाइपन के रूप में मिलेगा. शुरुआत में यहां खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से तसर प्रशिक्षण सह उत्पादन खोले गए थे. कौशल विकास योजना के तहत राजनगर प्रखंड के हेंसल, सिजुलता, कुनाबेड़ा, मतकमबेड़ा, बलियासाई, सुढ़सी आदि गांव में प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था. करीब एक साल तक इन केंद्र में कार्य ठीक- ठाक चला. बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षण दे कर स्वरोजगार में भी जोड़ा गया. बाद में एक- एक कर सभी बंद हो गये. अब खादी पार्क को शुरु होने की उम्मीद से लोगों में काफी खुशी देखी जा रही है.
*हर हाथ को रोजगार से जोड़ेंगे : चंपई*
वहीं सरकार के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि पिछले कार्यकाल में हमने जो नींव रखी थी, अब जल्द ही पूरा होने वाला है. हर हाथ में रोजगर होगा. क्षेत्र की महिलाओं को सिलाई-बुनाई, सूत कतई, डिजाइनिंग आदि का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा. महिलाएं हर दिन घर बैठे आमदनी कर पाएगीं. इससे परिवार की गाड़ी अच्छी चलेगी. महिला और पुरुष दोनों आमदनी करने लगेंगे तो बच्चों को अच्छे से पढ़ा- लिखा पाएंगे. हमारी सरकार हर खेत में पानी हर हाथ को रोजगार देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही है.
उद्योग के विभाग के उप सचिव सह खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सीइओ राखाल चंद्र बेसरा कुछ पहले ही राजनगर पहुंच कर खादी पार्क का जायजा ले चुके हैं. पूरे पार्क परिसर में भ्रमण कर जायजा लिया है और उन्होंने आवश्यक दिशा- निर्देश जारी किये हैं.
