राजनगर: सरायकेला जिले में एकबार फिर से इंडिया न्यूज वायरल की ख़बर का असर हुआ है. जहां राजनगर में बीते सोमवार हुए स्वास्थ्य मेला को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने पुनः 10 फरवरी को करने की अनुमति सिविल सर्जन से मांगी है.
बता दें कि बीते सोमवार को लगे स्वास्थ्य मेला को लेकर जनप्रतिनिधियों ने खानापूर्ति बताते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. इस खबर को तथ्यों के साथ हमने अपने यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित किया था. खबर चलते ही स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया, जिसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को पत्र लिखकर स्वास्थ्य मेला दोबारा कराए जाने की अनुमति मांगी है.
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बात दें कि जिला परिषद सदस्य अमोदिनी महतो ने मेले में हुए खर्च की जांच की मांग की थी. उन्होंने मेला के आयोजन पर ही सवाल उठाया था. दरअसल सोमवार को हुए स्वास्थ्य मेला की जानकारी न तो जनप्रतिनिधियों को दी गई न ही प्रचार- प्रसार किया गया था. स्वास्थ्य केंद्र के बरामदे में टेबल- कुर्सी लगाकर मरीजों की जांच कर खानापूर्ति कर दी गयी थी. जबकि मीडिया रिपोर्ट की मानें तो राज्य सरकार की ओर से हर प्रखंड में शिविर के लिए एक लाख की राशि आवंटित किया गया है. ऐसे में राजनगर में लगे शिविर में हुए खर्च विवादों में घिर गया था. जिला परिषद सुलेखा हांसदा ने भी स्वास्थ्य शिविर को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने बताया कि शिविर की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी. वहीं प्रखंड प्रमुख आरती हांसदा ने बताया कि उन्हें भी कोई पूर्व सूचना नहीं थी. अचानक दो बजे फोन आया जिसके बाद उन्हें उदघाटन के लिए जाना पड़ा.
क्या दिया प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने तर्क
सिविल सर्जन को दिए गए आवेदन में चिकित्सा पदाधिकारी ने माना कि कुछ कारणो से जिला से प्राप्त कुल 1 लाख रुपये का पूर्ण रूप खर्चा नहीं हुआ. इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि राजनगर एक ग्रामीण इलाका है, जिसके कारण एक टेंट, रवि टेंट हॉउस है. उनको मैंने टेंट लगाने के लिए आग्रह किया, परन्तु उन्होंने टेंट और स्टाल लगाने में असमर्थता जताई. और कहा कि मेरा कोई भी स्टाफ नहीं है, अभी टुसु मेला में सभी व्यस्त है. जिसके कारण मेरा स्टाफ 26 जनवरी के बाद ही उपलब्ध होग. मेरे बहुत आग्रह करने के बाद किसी तरह गेट से लेकर 200 फीट तक सजावट किया एवं अस्पताल के अंदर 15 स्टाल लगाया. मैंने उन्हें ये कहते हुए पुनः आग्रह किया कि मेरे पास उतना दिन का समय नहीं है, क्यांकि ये मेला 20 जनवरी से 24 जनवरी के बीच लगाना है और अगला दिनांक इस प्रकार नहीं हो सकता है. क्योंकि 21.01.2025 को डिविजनल मीटिंग जमशेदपुर में, 22.01.2025 को सीएचसी राजनगर में ही महिला बंध्याकरण कैंप, 23.01.2025 को रूंगटा माइंस के साथ मिलकर कैंप पहले से ही तय है, 24.01.2025 को बसंती पूर्ति एएनएम के सेवा निवृत के बाद विदाई समारोह है.
प्रचार प्रसार न होना
इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि झारखण्ड में मकर पर्व पुरे दस दिन तक मनाया जाता है. इसीलिए माइकिंग करने वाला नहीं होने के कारण माइकिंग करनेवाले ने भी प्रचार- प्रसार करने से मना कर दिया. प्रचार- प्रसार सहिया साथी एवं सहिया द्वारा कराया गया था. जहां तक प्रमुख, बीडीओ और अन्य जनप्रतिनिधि को मेला में आमंत्रित करने की बात है, तो उसके लिए चिट्ठी बनी थी और मेरा चतुर्थ वर्गीय कर्मी चंदूराम मार्डी उन्हें देने के लिए दिनांक 18.01.2025 को तीन- तीन बार बीडीओ ऑफिस गया भी था, परन्तु पांच बजे तक पंचायत सदस्य समिति मीटिंग रहने के कारण किसी को भी दे नहीं पाया, अगला दिन रविवार का दिन था, ब्लॉक ऑफिस बंद था. उन्होंने गलती ये कि है, इस बारे में मुझे कुछ नहीं बताया. मैं ये आस्वस्त था कि सबको आमंत्रण मिल गया होगा, लेकिन जब 20.01.2025 को 11 बजे तक उद्घाटन के लिए कोई नहीं आया तो मैंने चंदू राम मार्डी से पूछा तो उन्होंने चिठ्ठी नहीं देने कि बात स्वीकारी, इसके बात तुरंत प्रमुख महोदया को फोन लगाया गया और आने का अनुरोध किया गया और उन्होंने मेला उद्घाटन कर सभी स्टाल का निरिक्षण भी किया. इसके लिए उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. आगे उन्होंने लिखा कि झारखण्ड में मकर पर्व पूरे दस दिन तक मनाया जाता है परिणामस्वरूप टेंट नहीं लग पाया. साथ ही प्रचार- प्रसार भी नहीं हो पाया. इन्ही कारणों से उपरोक्त मेला को 10 फ़रवरी को पुनः आयोजित करना चाहता हूँ.