राजनगर: हूल क्रांति दिवस के अवसर पर राज्य के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को राजनगर में सिदो मुर्मू एवं कान्हू मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें कि गुरुवार को मंत्री चंपई सोरेन अपने विधानसभा क्षेत्र के तीनों प्रखंडों में आयोजित हूल क्रांति दिवस समारोह में शिरकत की और महान स्वाधीनता सेनानी अमर शहीद वीर सिदो- कान्हू चांद- भैरो एवं फूलो- झानो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, और उनके बताए आदर्शो पर चलने का खुद भी प्रण लिया एवं राज्य के तमाम लोगों को जल- जंगल और जमीन की रक्षा करने का संकल्प दिलाया.
इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आज संपूर्ण भारत देश में हूल क्रांति दिवस पर हूल विद्रोह के प्रणेता सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चांद- भैरो एवं फूलो- झानो को श्रद्धांजलि दी जा रही है.
1855 में साहेबगंज के भोगनाडीह से वीर सिदो मुर्मू, कान्हू मुर्मू, चांद- भैरो एवं फूलो- झानो के नेतृत्व में हजारों आदिवासियों ने अपने खेत खलिहान, स्वशासन व्यवस्था, अस्तित्व एवं पहचान की रक्षा के लिए जमींदारी प्रथा एवं अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हूल यानी विद्रोह किया था. इसमें 50,000 से अधिक आदिवासियों की शहादत हुई थी.
सिदो- कान्हू के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ लड़े गए हूल क्रांति की शौर्य गाथा हमें सदियों तक प्रेरणा देती रहेगी. हमें इतिहास को याद रखते हुए बलिदानियों के सपनों का झारखंड बनाना है. इसके लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा. झारखंड में अबुवा दिशोम अबुवा राज की परिकल्पना को साकार करने का काम तेजी से हो रहा है. हेमन्त सरकार के नेतृत्व में आदिवासियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. किसानों को समृद्ध करने के दिशा में कई काम हो रहे हैं. इस दौरान जिला परिषद सदस्य मालती देवगम, सुलेखा हंसदा, मंत्री के आप्त सचिव गुरुप्रसाद महतो, केंद्रीय सदस्य गोपाल महतो, बीटी दास, छाया कांत गोराई विधायक प्रतिनिधि धर्मा मुर्मू, हीरालाल सतपथी, मिथुन कुम्भकार, करमु पान, राकेश पति, डोबरो देवगम, सागेन टुडू, ब्रजेश कुण्टिया, मार्शल पुर्ति समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे.
बाईट
चम्पई सोरेन (मंत्री झारखंड सरकार)
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