राजनगर: बीती रात राजनगर के दुर्गा मैदान में बिजली का इंसुलेटर मरम्मत के लिए खम्भे पर चढ़े मिस्त्री जितेन मंडल की करंट के झटखे से खम्भे से गिरकर हुई मौत मामले में ग्रामीणों के हंगामे के बाद आखिरकार प्रशासन और बिजली विभाग के अधिकारियों एवं विद्युत का संचालन कर रही कंपनी जीईपीएल के साथ ग्रामीणों के बीच मुआवजे को लेकर वार्ता हुई.
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वार्ता में अंचलाधिकारी धनंजय कुमार, थाना प्रभारी चंदन कुमार यादव, बिजली विभाग के कनीय अभियंता सुशांत हेम्ब्रम, जीईपीएल के वरीय प्रबंधक कैलाश कुमार महतो, डुमरडीहा पंचायत के मुखिया निमाई सोरेन, विधायक प्रतिनिधि धार्मा मुर्मू एवं जितेन मंडल के स्वजन और ग्रामीण उपस्थित थे. कम्पनी ने कहा कि जितेन मंडल पिछले चार साल से कम्पनी के अधीन हेल्पर के रूप में कार्यरत था. वार्ता में जीईपीएल कम्पनी की तरफ से परिजनों को मुआवजे के लिए लिखित प्रमाण दिया गया.
तत्काल दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपये दिया गया. कम्पनी की तरफ से मुआवजे की तौर पर 90 दिनों के अंदर पत्नी के खाते में 5 लाख रुपये जमा करने एवं कम्पनी द्वारा विद्युत विभाग में मृतक की पत्नी को पति के वेतनमान के आधार पर तीन दिन के अंदर नौकरी देने की बात पर सहमति बनी. इसके अलावे श्रम एवं नियोजन विभाग से ईपीएफ एवं ईएसआईसी की करीब 2 लाख रुपये 90 दिनों के अंदर दिलाने पर समझौता हुआ. इसमें श्रम विभाग से पत्नी को 3 हजार रुपये मासिक पेंशन भी मिलेगा. इस प्रकार से मोटे तौर पर मृतक की पत्नी को श्रम विभाग से पेंशन, कम्पनी जीईपीएल और श्रम विभाग से 7 लाख मुआवजा एवं एक नौकरी प्रदान करने पर सहमति बनी. जिसके बाद उग्र ग्रामीण शांत हुए. वार्ता की कॉपी परिजनों को दी गई और सबकी उपस्थित में सीओ धनजंय कुमार ने लिखित बातों को पढ़कर सुनाया.
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क्या था मामला
ज्ञात हो कि शुक्रवार शाम को करीब 7:30 बजे राजनगर के दुर्गा मैदान में बिजली फॉल्ट होने की जानकारी विभाग को मिली. सूचना पर शटडाउन लेकर जितेन मंडल, लंबू महतो एवं एक अन्य कर्मी दुर्गा मैदान में खराब इंसुलेटर को बदलने के लिए गए. जितेन मंडल खम्भे पर चढ़कर इंसुलेटर बदलने का कार्य कर रहा था, कि अचानक बंद 11 हजार के तार में करंट दौड़ गई, जिससे झटखे खाकर जितेन मंडल खम्भे से गिर गया. सिर के बल गिरने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई. घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में लोग राजनगर सीएचसी और थाना पहुंचकर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर देर रात तक हंगामा मचाया. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए विभाग के लाइनमैन लालू महतो, बिटटू साहू और लंबू महतो को थाने में बंद कर दिया. चूंकि ग्रामीणों का गुस्सा सबसे ज्यादा लालू महतो पर फूट रहा था. लोग इसके लिए बिटटू और लालू को दोषी मान रहे थे. शटडाउन के दौरान विद्युत उपकेंद्र पर बिट्टू साहू मौजूद था. पुलिस ने देर रात तक हंगामा कर रहे लोगों को समझा बुझा कर शांत कराया. दूसरे दिन सुबह विभाग के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई और वार्ता सफल रही. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया.
क्षेत्र के लोगों के दवाब पर तीनों कर्मियों को कंपनी ने किया बर्खास्त
राजनगर में विद्युत संचालन का कार्य कर रही कम्पनी जीईपीएल के अधीन कार्यरत लालू महतो, लंबू महतो एवं बिट्टू साहू को क्षेत्र के लोगों के भारी आक्रोश व दवाब के बाद कम्पनी ने इन कर्मियों को कार्य से बरखस्त कर दिया. क्षेत्र के लोगों ने कम्पनी को लिखित हस्ताक्षर युक्त आवेदन जीईपीएल कंपनी के प्रबंधक को दिया और इन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इन्हें तत्काल कार्य से बर्खास्त करने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि लालू महतो और अन्य उनके साथी कर्मचारी के कारण अभी तक क्षेत्र के कई स्थानीय बिजली मिस्त्री की जान गई है. बार-बार इन लोगों की लापरवाही से लोकल में स्त्रियों की जान चली जा रही है. इसलिए इन्हें तत्काल कार्य से बाहर किया जाए और किसी भी विद्युत उपकेंद्र में इनको कार्य में नहीं रखा जाए.
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