राजनगर: राजनगर में बन रहे एसएस प्लस टू भवन की जल निकासी वाली दीवार पहली बारिश में ही ढह गई. लगभग 4 करोड़ से निर्मित इस भवन का अभी तक उद्घटान भी नहीं हुआ है, अंदर वायरिंग का काम चल रहा है, लेकिन पहली बरसात में ही घटिया निर्माण की पोल खुल गई.
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भवन निर्माण में प्रयुक्त घटिया किस्म की काली ईंट हल्की बरसात को भी नहीं झेल पाई. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, कि भवन निर्माण में किस तरह के घटिया ईंटो का प्रयोग किया गया है. जब शुरुआत में ही भवन की दीवार गिरने लगी है, तो आगे क्या हाल होगा.
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वहीं शुक्रवार को आनन- फानन में क्षतिग्रस्त भाग का मरम्मत कर भ्रष्टाचार की लीपापोती कर दी गई. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इसकी जांच तक करना किसी ने जरूरी नहीं समझा.
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वैसे गुरुवार को जानकारी मिलते ही सांसद प्रतिनिधि विशु हेम्ब्रम एवं बीस सूत्री सदस्य पप्पू राय ने टूटे दीवार को देखा था. जिसमें पाया कि बहुत ही घटिया स्तर के ईंट का प्रयोग भवन निर्माण में किया गया है. जो पानी पड़ने से गल रहा है और थोड़ी सी ऊंचाई से गिराने पर टूट कर बिखर रहा है. दोनों ने करोड़ों की लागत से बनने वाले इस भवन में कभी भी दुर्घटना की संभावना बनी रहने की आशंका जताई थी. दोनों ने भवन निर्माण के उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. हालांकि शुक्रवार को यहां कोई पहुंचे इससे पहले ही क्षतिग्रस्त भाग का निर्माण करा दिया गया. वैसे अब इसपर राजनीति का तड़का लगना बाकी है.
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