राजनगर (Pitambar Soy) पौधरोपण के साथ इसकी संरक्षण एवं संवर्धन जरूरी है, तभी पेड़ बचेंगे. पर्यावरण बचेगा तभी वातवरण शुद्ध रहेगा. वन विभाग पौधरोपण कर सिर्फ अपना दायित्व पूरा करने का काम न करे, बल्कि इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उठाए. गांव की वन सुरक्षा समिति के साथ विभाग समन्वयक स्थापित कर पौधों को जीवित रखे.
एक भी पौधा न मरे इसकी व्यवस्था करे. ये बातें बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन ने वन विभाग की ओर से राजनगर प्रखंड के बाना पंचायत अंतर्गत जोटा में शनिवार को आयोजित 73वें वन महोत्सव के अवसर पर कही. चंपई सोरेन ने कहा कि वन विभाग हर साल पौधारोपण करता है, लेकिन कितने जिंदा बचते हैं. उनकी गिनती होनी चाहिए.
पर्यावरण संतुलन के लिए पौधों का संवर्धन बहुत जरूरी है. चंपई ने कहा आदिवासी समाज सदा से ही प्राकृतिक पूजक हैं. देशाऊली और जहेरथान में साल वृक्ष की पूजा करते हैं. आदिवासी समाज जल, जंगल जमीन की रक्षा करते आए हैं. इसी से उनकी पहचान है. पेड़- पौधे, पशु-पक्षियों से आदिवासियों को बेहद लगाव है. इसलिए वन विभाग ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित करे.
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क्षेत्र के हर पहाड़ के आसपास बसने वाले गांव में आज भी वनों की रक्षा के लिए वन सुरक्षा समिति में बनी हुई है. गांव वालों के सहयोग से ही जंगल बचाया जा सकता है. चंपई ने कहा कि जोटा व गोपालपुर चारों तरफ से पेड़ पौधों से हराभरा यह मनोरम जगह है. यह गांव हमेशा से मेरे लिए झारखंड आंदोलन का बुनियाद रहा. मैंने आंदोलन का बिगुल यहीं से फूंका था. इस गांव से मेरा गहरा लगाव रहा है. आंदोलन के दौरान जब पुलिस आते थे, तो हम यहां आकर सुरक्षित रहते थे.
यहां के लोगों ने हमेशा हमें साथ दिया.आज जोटा गोपालपुर इलाके में हजारों पौधे लगाए जा रहे हैं. विभाग को निर्देश दिए हैं कम से कम 50 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए. ताकि वनोत्पाद से यहां के ग्रामीणों की आर्थिक स्थित मजबूत हो सके. जोटा व गोपालपुर में किसानों को 12 महीने खेती के लिए पानी मिलेगी. सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य हर बुनियादी सुविधाओं से गांव को आच्छादित करने का काम हो रहा है. चम्पई ने कहा आदिवासी मूलवासी इस प्रदेश के मालिक हैं. आने वाली हमारी पीढ़ी को राज्य का बागडोर संभालना है. इसलिए बच्चों को अच्छा पढ़ाएं लिखाएं. शिक्षित बनाएं. आज सभी लोग पेड़ बचाने का संकल्प लें.
हर गांव में बनेगा माझी अखाड़ा, देशाऊली व जाहेरथान की होगी घेराबंदी
मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सरकार सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम कर रही है. अब हर गांव में माझी अखाड़ा बनेंगे. जहां गांव के ग्रामप्रधान, माझी, मुंडा, मनकी, ग्रामप्रधान पाहन आदि गांव के विषय वस्तुओं पर चर्चा के लिए बैठक करेंगे. गांव की समस्याएं हों या पर्व त्यौहार, शादी ब्याह, पूजा पाठ आदि विषयों पर विचार विमर्श के लिए अब माझी या ग्रामप्रधान को पेड़ के नीचे नहीं बैठक करना पड़ेगा. साथ ही हर गांव के देशाऊली और शहर स्थान की घेराबंदी होगी. जाहेरगढ़ में साल, आम, बरगद, पीपल हर तरह के पौधे लगाए जाएंगे जो हमारे पूजा-पाठ में उपयोग होते हैं और देशाऊली व जाहेरथन के अंदर शेड का भी निर्माण होगा.
वहीं जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा ने कहा कि आदिवासी शुरुआत से ही प्रकृति पूजक रहे हैं. पेड़ पौधों से प्रेम करते हैं. आदिवासियों का पर्यावरण गहरा नाता है. पेड़ों और जंगलों को कैसे बचाना है यह आदिवासियों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. वहीं डीएफओ आदित्य रंजन ने बताया कि वन विभाग देशभर में 73वां महोत्सव मना रहा है.जोटा एवं उज्जवलपुर वनक्षेत्र के 50 हेक्टर भूमि में 83 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं.
अथितियों ने किया वृक्षारोपण
वन महोत्सव कार्यक्रम में मंत्री चम्पई सोरेन ने अपने नाम पर कुसुम का पौधा लगाया. जिप अध्यक्ष सोनाराम बोदरा, जिप सदस्य अमोदनी महतो, डीएफओ आदित्य नारायण, वनक्षेत्र पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, सहायक वन संरक्षण पदाधिकारी प्रमोद कुमार, झामुमो केंद्रीय सदस्य गोपाल महतो, मंत्री पुत्र व गम्हरिया भाग 14 के पूर्व जिप सदस्य सिमल सोरेन, मंत्री के आप्त सचिव गुरुप्रसाद महतो, गम्हरिया प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष छायाकांत गोराई, बाना पंचायत के मुखिया रामसिंह बानरा, पीएस मेम्बर मनोज महतो, मिथुन कुंभकार, प्रकाश महतो सहित कईयों ने पौधरोपण किया. साथ ही विभाग की ओर से अथितियों को चंदन पौधा देकर सम्मानित किया गया. विभाग की ओर से गांव के बच्चों को बैग आदि प्रदान किया गया.
बाईट
आदित्य नारायण (डीएफओ)
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