राजनगर (Pitambar Soy) केनरा बैंक शाखा से विगत जनवरी माह में किसान सुपाई मुर्मू के खाते से केसीसी ऋण की राशि 80 हजार रुपये बिचौलिए आशीष पंच के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर से निकासी मामले में जमशेदपुर रीजनल ऑफिस के डिविजनल मैनेजर प्रकाश एम जलगांव एवं सीनियर मैनेजर बीपी मुंडा ने द्वितीय चरण की जांच की.
जांच के क्रम में भुक्तभोगी सुपाई मुर्मू और बैंक प्रबंधक देवाशीष दास को आमने सामने बिठाकर पूछताछ की गई. पूछताछ के दरम्यान बैंक में हुए फ्रॉड की नैतिक जिम्मेदारी लेने से भी बैंक मैनजर देवाशीष दास बचते रहे और अपने कर्मचारियों पर दोष मढ रहे हैं. और जांच करने की बात कह रहे हैं. इस दौरान किसान सुपाई मुर्मू ने डिविजनल मैनेजर को सारी घटनाक्रम से अवगत कराया.
सुपाई मुर्मू ने डीएम को बताया कि जनवरी महीने में वे अपने खाते में 11 हजार रुपये जमा करने बैंक आये थे. पासबुक अपडेट करने पर पता चला कि उन्होंने जो केसीसी लोन अप्लाई किया था, उसकी राशि खाते में आ गई है. सोचा खेतीबाड़ी का दिन आ गया है, पैसा पासबुक में ही रहने देते हैं बाद में निकालेंगे. फिर मकर के दिन 14 जनवरी तक किसी ने उनके खाते से फर्जी तरीके से उनका 80 हजार रुपये निकाल लिया. इस बात की जानकारी देने जब मैनेजर के चेम्बर में आये तो मैनेजर ने बिना मेरा बात सुने उल्टे धमकाया और मुझे ही दोषी ठहराते हुए कहा कि तुमने ही सारा पैसा निकाल लिया है. मैनेजर ने मेरी एक न सुनी और गालीगलौज व दुर्व्यवहार करते हुए गोली मारने तक की धमकी दी. जिसकी ग्वाह हरि उरांव एवं विक्रम हांसदा हैं. भुक्तभोगी की बात सुनने के बाद हरि उरांव से भी बैंक के डीएम ने पूछताछ की. हरि उरांव ने भी भुक्तभोगी सुपाई मुर्मू की बातों को दोहराते हुए कहा कि हम लोगों ने इसके बाद भी मैनेजर से बार-बार आग्रह किया कि इसकी जांच पड़ताल कर भुक्तभोगी को न्याय दिया जाए. परंतु उन्होंने दुर्व्यवहारपूर्ण रवैया और गालीबाज रुख अपनाते हुए भुक्तभोगी की किसी बात को सुनने से इनकार किया. जबकि हम लोगों को यह जानकारी मिल गई थी कि बिचौलिए आशीष कुमार पंच के द्वारा सुपाई मुर्मू का पैसा फर्जी तरीके से निकाल लिया गया है और वह खुलेआम घूम रहे हैं. जिस पर मैनेजर कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं. अंततः हम लोगों ने उपायुक्त से लेकर, कमिश्नर, डीआईजी को लिखित शिकायत की. जिसके बाद बिचौलिए आशीष पंच को पुलिस ने गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया. परंतु अभी भी बैंक मैनेजर अपनी गलती को छुपा रहे हैं और बैंक में हुए फ्रॉड से खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यहां 14 साल से डेली वेजेस पर कार्यरत एक युवक सोमल महतो को बैंक मैनेजर ने तत्काल बिना जांच किये ही उसे निकाल दिया, जिसकी कहीं से इस मामले में उसकी कोई संलिप्तता नहीं है.
बैंक मैनेजर की गलत व्यवहार के चलते केनरा बैंक के प्रति ग्राहकों का विश्वास धीरे- धीरे खत्म होती जा रही है. इस दौरान हरि उरांव ने डीएम के समक्ष बैंक के मकान मालिक दीपक महापात्र और बैंक मैनजर के बीच सांठगांठ होने का आरोप लगाते हुए उनके खाते की जांच की मांग की. उन्होंने दीपक महापात्र के द्वारा बैंक के कार्यों में दखलंदाजी देने की बात उठाई.
भुक्तभोगी की आप बीती सुनने के बाद डीएम ने बैंक मैनेजर को खूब फटकार लगाई और बैंक की कार्यशैली और व्यवहार में सुधार लाने को कहा. जांच के दौरान डीएम बैंक मैनजर की कार्यशाली में बहुत गड़बड़ी पायी. बैंक में केसीसी लोन के आवेदन या शिकायती पत्र पर भी बैंक मैनेजर हस्ताक्षर नहीं करते सारा काम कर्मचारियों पर छोड़ देते हैं।.
डीएम ने सुपाई मुर्मू को न्याय दिलाने का दिया भरोसा
रीजनल ऑफिस जमशेदपुर के डीएम ने कहा कि बैंक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उस पर उचित कार्रवाई होगी. लाभुक सुपाई मुर्मू को उचित न्याय जरूर मिलेगी. लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि सुपाई मुर्मू को उसका ऋण का पैसा कहां से रिफंड होगी. विभाग देगी या मैनेजर के जेब से विभाग काटेगी.
बैंक मैनजर के खिलाफ ग्राहकों में आक्रोश, हटाने की मांग
इस बैंक में प्रबंधक द्वारा केवल राजनीति की जा रही है, गरीबों का पैसा गबन किया जा रहा है. अपनी गलती छुपाने के लिए बैंक कर्मियों को मोहरा बनाया जा रहा है. लंबे समय से डेली वेजेज पर सेवा दे रहे युवक को बैंक मैनेजर ने बिना जांच के ही निकल दिया और षड्यंत्र रचकर थाना में फर्जी शिकायत करके बैंक मैनेजर ने बैंक में जनरेटर चलाने वाले युवक श्रवण महतो और निकाले गए युवक सोमल महतो को पुलिस से पिटवाने की साजिश कर रहे हैं. ऐसे बैंक प्रबंधक पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.
जब लाभुक सुपाई मुर्मू का केसीसी लोन राशि का गबन हुआ. तब लाभुक को लेकर बैंक प्रबंधक के पास जानकारी लेने गए. तो बैंक प्रबंधक द्वारा दुर्व्यवहार करते हुए गोली मारने की बात तक कह डाली. यदि लाभुक को न्याय नही मिला तो हम राज्यपाल और मुख्यमंत्री तक इसकी शिकायत करेंगे.
बाईट
हरी उरांव (पूर्व मुखिया के पति)
हमें न्याय चाहिए, हम किसान हैं. खेती करने के लिए केसीसी लोन का आवेदन दिया था. परंतु वो भी गबन हो गया. हम मुकदमा लडेंगे या खेती करेंगे. शिकायत करने पर हमें धमका दिया जाता है. ऐसे में हम क्या करें। उम्मीद है उच्च अधिकारी जल्द न्याय दिलाएंगे.
बाईट
रामेश्वर मंडल
बौखलाए बैंक मैनेजर ने पत्रकारों के साथ भी किया दुर्व्यवहार
राजनगर केनरा बैंक में हुए बैंक फ्रॉड की जांच में पहुंचे अधिकारियों की खबर पाकर स्थानीय प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बैंक पहुंचे. अधिकारियों ने तो बड़ी शालीनता से मीडिया के सवालों का जवाब दिया, परंतु जब ब्रांच मैनेजर देवाशीष दास से उनका पक्ष लेना चाहा तो जांच अधिकारियों के समक्ष ही पत्रकारों से उलझ गये. जांच के दौरान अधिकारियों से भी जांच में मदद के बजाए उलझते रहे. जिससे जांच अधिकारी भी बैंक प्रबंधक का व्यवहार से तंग हुए. इससे साफ जाहिर होता है कि ग्राहकों के प्रति मैनेजर का कैसा व्यवहार होता होगा.
बाइट
डिविजनल मैनेजर जमशेदपुर रीजनल ऑफिस