राजनगर: सरायकेला- खरसावां जिले के राजनगर स्थित केनरा बैंक शाखा से बिचौलिए द्वारा एक लाभुक के खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर 80000 रुपए निकासी करने का मामला प्रकाश में आया है. यह पैसा लाभुक का केसीसी लोन का पैसा था. भुक्तभोगी राजनगर थाना क्षेत्र के रिचितुका निवासी सुपाई मुर्मू ने शुक्रवार की शाम को राजनगर थाने में आरोपी आशीष कुमार पंच के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कराया है. साथ ही भुक्तभोगी ने बैंक के अधिकारियों पर गाली गलौज करने एवं गोली मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार भुक्तभोगी सुपाई मुर्मू ने केनरा बैंक राजनगर शाखा से एक लाख रुपये का केसीसी लोन अप्लाई किया था. जो 22 दिसम्बर 2021 को उसके खाते में 80 हजार रुपये स्वीकृत होकर जमा हो गया. परंतु लाभुक सुपाई मुर्मू को इसकी जानकारी नहीं थी. हाल ही में जनवरी- फरवरी में एक खस्सी बेचने के बाद जब बीस हजार रुपए बैंक में जमा किया, तो उसके खाते में एक लाख से ज्यादा राशि पासबुक अपडेट करने पर दिखी. सोचा कि कृषि का दिन आ गया है, कृषि कार्य में इस पैसे को लगाऊंगा, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसके खाते से जिसमें तीन किश्तों में 80 हजार रुपये बगैर उसकी जानकारी के निकासी हो चुके थे. यह पैसे चेक एवं फंड ट्रांसफर के माध्यम से निकासी हुआ है. जब 4 जून को इसके बारे में सुपाई ने बैंक अधिकारियों से पूछताछ की तो अधिकारियों ने कहा कि आपने खुद चेक और फंड ट्रांसफर के माध्यम से 80000 निकाल लिए हैं.
आरोपी ने तीन किश्तों में 30 हजार, 35 हजार एवं 15 हजार रुपये निकाले. जबकि सुपाई ने कहा कि उसने कभी चेक के लिए अप्लाई किया ही नहीं. इसपर बैंक अधिकारियों ने चेकबुक निर्गत पंजी निकली, जिसमें सुपाई मुर्मू का फर्जी हस्ताक्षर था, लेकिन बैंक अधिकारी सुपाई की बात पर यकीन नहीं कर रहे थे. भुक्तभोगी सुपाय ने पैसे निकालने से इनकार किया और बार- बार बैंक अधिकारियों से कहता रहा कि यह मेरा हस्ताक्षर नहीं है परंतु बैंक अधिकारी नहीं माने और बैंक अधिकारी उन पर भड़क गए और उन्हें गाली गलौज करते हुए भगा दिया. जैसा कि एफआईआर में बताया कि बैंक अधिकारियों ने उन्हें गोली मारने की भी धमकी दी. जो गवाह के रूप में वहां राजनगर के हरि उरांव एवं गमदेसाई के विक्रम हंसादा उपस्थित थे.
*कैसे किया गया फर्जीवाड़ा*
आरोपी राजनगर के रिचितुका निवासी आशीष कुमार पंच ने लाभुक सुपाई मुर्मू का केसीसी लोन अप्लाई करने में मदद किया था. इसके बाद जब उसके खाते में 80 हजार केसीसी का आ गया तो आशीष ने चालाकी से सुपाई के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर से चेक बुक के लिए अप्लाई किया। जब चेक बुक निर्गत हुआ तो निर्गत पंजी पर भी आशीष कुमार पंच ने खुद सुपाई के नाम पर हस्ताक्षर किया. इसके चेक के माध्यम से आशीष कुमार पंच ने बैंक पैसा निकालने आये नेटो गांव के रुईटू मुखी को 500 रुपये का लालच देकर चेक थमा कर लाइन में खड़ा कर दिया. जब चेक से 30000 निकाला तो आरोपी आशीष ने रुईटू मुखी 500 दिया. दूसरे दिन इसी तरह 35000 हजार रुपये निकले. इसके बाद फंड ट्रांसफर के माध्यम ने आशीष ने एक और मास्टर कार्ड खेला लेकिन गलती यह हुई कि उसने रुईटू की मां सोमवारी मुखी के खाते पर पैसा ट्रांसफर कर दिया. बाद में बैंक अधिकारियों को पता चला कि सोमवारी मुखी की तो दो तीन साल पहले ही मौत हो चुकी है, लेकिन आरोपी शातिर दिमाग का था, उसने सोमवरी के मरने से पहले ही सोमवारी के नाम का एटीएम, पासबुक अपने पास रखा था. उसने मृत सोमवारी मुखी के खाते से भी एटीएम के माध्यम से पैसे की निकासी कर ली थी. अब सवाल यह उठता है, कि कैसे मृत सोमवरी मुखी के खाते में पैसा ट्रांसफर हो गया. खैर बैंक की तरफ से भी अपने बचाव में इस मामले को लेकर बिचौलिए पर मामला दर्ज किया है.