राजनगर: विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर वर्ल्ड सोलिडेरिटी, केकेएस एवं बीएमजेड के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को स्तनपान जागरूकता रथ निकाली गई. जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी डांगुर कोड़ा, समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जगन्नाथ हेम्ब्रम ने राजनगर सीएचसी परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
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मौके पर बीडीओ डांगुर कोड़ा ने कहा कि एक शिशु के संपूर्ण विकास के लिए कम से कम 6 माह तक स्तनपान बहुत जरूरी है.ग्रामीण क्षेत्र में तो महिलाएं जरूर अपने बच्चों को मां का दूध ही पिलाते हैं. लेकिन जिस तरह से हमलोग आधुनिक होते जा रहे हैं. आज ग्रामीण क्षेत्र में भी शहरों के रहन सहन का प्रभाव पड़ रहा है. मां अपने बच्चों को स्तनपान के बजाय बोतल दूध पिलाना चाहते हैं. वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जगन्नाथ हेंब्रम ने कहा कि प्रत्येक साल 1 अगस्त 7 अगस्त के बीच विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करना है. स्तनपान से न सिर्फ बच्चे का पोषण होता है बल्कि शिशु का मां के साथ भावनात्मक जुड़ाव होता है. वहीं आम लोगों में यह धारणा है कि मां का पहला गाढ़ा पीला दूध बच्चे को नहीं पिलाना चाहिए है. यह बिल्कुल गलत है. कोलोस्ट्रम शिशु के लिए अमृत का काम करता है. यह शिशु में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसलिए मां का पहला दूध अवश्य पिलाना चाहिए. इस दौरान पीएम आवास के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर सावन सोय, डॉ.एसएम देमता, बीपीएम पंकज कुमार, पीएस मेम्बर मनोज कुमार महतो, बीस सुत्री सदस्य पप्पू राय, सीडब्ल्यूएस के सीनियर एसोसिएट आनंद महतो, सुमित कुमार, बादल टूडू, झानो सोय, दमयंती सँवैयां आदि उपस्थित थे.
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