चांडिल/ Afroz Mallik सिंहभूम महाविद्यालय चांडिल परिसर में शुक्रवार को बैशाख पूर्णमासी के अवसर पर संथाली के रचयिता (जनक) ओलचिकी के जनक गुरु गोंमके रघुनाथ मुर्मू की 188 वीं जंयती मनायी गयी.
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छात्रों द्वारा गुरु गोंमके के तस्वीर (चित्र) पर बारी- बारी से माल्यार्पण कर व पारंपारिक वाद्य यंत्रों के धुन पर धार्मिक गान के साथ याद किया. इस मौके पर छात्र नेता सुदामा हेम्ब्रम ने कहा कि संथालो के भाषा ओलचिकी लिपि के रचयिता गुरू गोंमके रघुनाथ मुर्मू द्वारा किया गया था जिससे उन्हे गुरू गोंमके का उपाधि दिया गया है. संथाल समुदाय बड़े हर्ष व उल्लास के साथ हर वर्ष बैशाख पूर्णमासी को गुरू गोंमके की जंयती मनायी जाती है.
इस अवसर पर सोमचांद टुडू, अनिकेत मांझी, लक्ष्मण हांसदा, सुमित मार्डी, बाबुराम सोरेन, फागुन मार्डी आदि सैकड़ों छात्र गण उपस्थित थे.
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