नर्क में तब्दील हो चुके आदित्यपुर नगर निगम की सुध लेने जनप्रतिनिधि लबे अंतराल के बाद बाहर निकलने लगे हैं. वैसे बीते तीन महीनों तक चले कोरोना महामारी के दूसरे लहर के दौरान भूमिगत हुए जनप्रतिनिधियों को अब क्षेत्र के लोगों की चिंता सताने लगी है.
इधर लगातार आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सीवरेज- ड्रैनेज के काम में जुटे एजेंसियों पर काम में तेजी लाने का दबाव बना रहे हैं. और हर दिन किसी न किसी वार्ड का दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं. वैसे मॉनसून का दस्तक शहर में हो चुका है, ऐसे में क्षेत्र के लोगों को नारकीय स्थिति से दो- चार होना ही पड़ेगा. निगम क्षेत्र के सभी 35 वार्डों का हाल बेहाल है.
हर वार्ड में सीवरेज- ड्रेनेज को लेकर खोदे गए गड्ढों के कारण स्थिति भयावह हो चुके हैं. आदित्ययपुर नगर निगर उप महापौर अमित सिंह ने बीते दिनों निगम क्षेत्र में काम करा रहे एजेंसियों पर काम में लापरवाही का आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ लिया है.
मेयर भी संवेदक को फटकार लगाकर अपना फर्ज निभा चुके हैं, लेकिन आम जनता बीते चार सालों से नारकीय जीवन जी रहे हैं, उसका सुध लेनेवाला कोई नहीं. शनिवार को आदित्यपुर के पूर्व पार्षद पुरेंद्र नारायण सिंह वार्ड पांच से होकर गुजरनेवाले टाटा- कांड्रा मुख्य मार्ग के सर्विस रोड पर खोदे गए गड्ढों में जलजमाव के कारण आम लोगों के साथ दुकानदारों को हो रहे परेशानियों का जायजा लेने पहुंचे. जहां उन्होंने निगम के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बीते चार सालों से जब नगर निगम के पदाधिकारी क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निदान नहीं निकाल सके तो अब जब मॉनसून सर पर है.
तो निगम के अधिकारी किस लिहाज से चार दिनों में सारे गड्ढों को भरने का दावा कर रहे हैें. पूरे निगम क्षेत्र के सभी नाले जाम पड़े हैं. बरसात से पूर्व सभी नालों की सफाई होनी चाहिए थी. पुरेंद्र ने जेआरडीसीएल के पदाधिकारियों से भी बातचीत कर जलजमाव के कारण क्षेत्र के लोगों को हो रहे परेशानियों से अवगत कराया और कहा कि उनके द्वारा भरोसा दिलाया गया है, कि जल्द ही सर्विस रोड को क्लीयर करा दिया जाएगा. हालांकि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की बड़ी आबादी को इस बरसात के मौसम में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता.
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