पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर के बीच तकरार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. सूत्रों की मानें तो सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष होने के बाद अब उनके खेमे ने सीएम अमरिंदर के खिलाफ बगावत की तैयारी कर ली है. वहीं मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सिद्धू के साथ साथ पार्टी के अन्य नेताओं ने एक बैठक की.
बैठक की जानकारी देते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पार्टी के लोगों से मुलाक़ात की. उन्होंने ट्वीट किया कि त्रिपत बाजवा जी का फोन आया जिसमें उन्होंने आपात बैठक बुलाने के लिए कहा, पीपीसीसी कार्यालय में अन्य साथियों के साथ उनसे मुलाकात की. उन्होंने आगे लिखा कि आलाकमान को स्थिति से अवगत कराएंगे. ऐसे में सिद्धू के ट्वीट के बाद से ही पंजाब की राजनीति में हलचल मची हुई है.
जानकारी के मुताबिक चार मंत्रियों और तकरीबन 20 विधायकों ने बैठक कर अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग की है. बताया जा रहा है कि बागी विधायकों और मंत्रियों का पांच सदस्यीय मंडल पार्टी हाईकमान से मुलाकात कर सीएम बदलने की मांग करने वाला है. हालांकि ऐसी ख़बरें भी हैं कि पंजाब कांग्रेस के 20 विधायकों और पूर्व विधायकों में से सात, जिन्हें कथित तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग के पक्ष में बताया गया था, ने इस तरह के किसी भी कदम से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है. इन सात नेताओं ने मामले को ‘पार्टी के भीतर दरार डालने की कोशिश में लगे एक तबके द्वारा रची गई साजिश’ का हिस्सा करार देते हुए पूरी तरह से मामले में शामिल होने से इनकार किया है. जिसमें कुलदीप वैद (एमएलए), दलवीर सिंह गोल्डी (एमएलए), संतोख सिंह भलाईपुर (एमएलए), अजीत सिंह मोफर (पूर्व विधायक), अंगद सिंह (विधायक), राजा वारिंग (विधायक) और गुरकीरत सिंह कोटली (विधायक) शामिल हैं
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