सरायकेला/ Pramod Singh अक्षय तृतीय पर रविवार को मंदिर प्रांगण में प्रातः10 बजे महाप्रभु श्री जगन्नाथ का विशेष पूजन हुआ एवं रथयात्रा के लिये रथ निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया. लगभग दो महीने पश्चात रथयात्रा को देखते हुए रथ निर्माण कार्य के लिये आवश्यक सामग्री सहित अन्य व्यवस्थाओं को भी प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया.
पूजा में आसपास क्षेत्र के जगन्नाथ भक्त उपस्थित रहे. पूजा समापन के पश्चात भक्तजनों के मध्य प्रसाद वितरण किया गया. कार्यक्रम में पुजारी जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष राजा सिंहदेव सहित समिति के अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित थे.
अक्षय तृतीया से आरंभ होती हैं रथ की तैयारी
जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया की पवित्र तिथि से ही आरंभ हो जाती हैं. पंचांग के अनुसार रथ निर्माण का आरंभ अक्षय तृतीया की तिथि से होता है.
नीम की लकड़ी से तैयार होता है रथ
विशेष बात है कि अक्षय तृतीया की तिथि से जहां रथ के निर्माण का कार्य प्रारंभ होता है वहीं रथ निर्माण के लिए लड़की का चयन बसंत पंचमी के दिन से ही प्रारंभ हो जाता है. रथ के प्रयोग में लाई जाने वाली लकड़ी को ‘दारु’ कहा जाता है. विशेष बात ये है कि रथ के लिए लकड़ी चयन की जिम्मेदारी जगन्नाथ मंदिर की एक खास समिति की होती है. रथ निर्माण में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जाता है. रथ निर्माण में किसी प्रकार की धातु का प्रयोग नहीं किया जाता है. मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.