जमशेदपुर: शिक्षिका सह कवयित्री कुमारी छाया की दूसरी कविता संग्रह “मेरी उम्मीद की ओर” का लोकार्पण शनिवार को झारखंड के पूर्व मंत्री व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने किया. इस मौके पर उन्होंने पुस्तक में छपी कविताओं की सराहना की और कहा कि पुस्तक का शीर्षक ही बताता है कि इसमें क्या है.
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में प्रकृति के रंग हैं. साथ में सह संदेश कि विश्वास से चलें तो जीवन की दुश्वारियां दूर हो जाती है और जीवन सरल हो जाता है. राय ने लेखिका के जज्बे को सराहा और कहा कि कैंसर जैसी बीमारी से जूझते हुए रचनाधर्मिता का निर्वहन काबिलेतारीफ है. मुझे पुस्तक इसलिए भी पसंद आयी कि मुश्किल से चार- छह पंक्तियों में ही लेखिका अपनी बातें कहकर दूसरे पन्ने की ओर बढ़ जाती है. ऐसे में पुस्तक में बोझिलता का आभाष नहीं होता. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार आनंद कुमार भी मौजूद थे.
*नकारात्मकता से निकलकर सकारात्मक सोचें: कुमारी छाया*
इस मौके लेखिका कुमारी छाया ने कहा कि पिछले वर्ष पहली पुस्तक “एक प्याली चाय” प्रकाशित हुई थी. “मेरी उम्मीद की ओर” उनकी दूसरी पुस्तक है. इसकी कविताएं नकारात्मकता से निकलकर सकारात्मकता की ओर बढ़ने का संदेश देती हैं. हमेशा सकारात्मक सोचें और परेशानी से मत घबराएं. उनकी कविताएं उम्मीद जगानेवाली हैं. उन्होंने कहा कि मुझे प्रकृति से लगाव है और जब मैं प्रकृति के पास होती हूं तो जीवन के सुंदर रूप को अपलक निहारते रहती हूं. सौ पेज की इस कविता संग्रह को लोगों को जरूर पढ़नी चाहिए.